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उत्‍तराखंड में पांच लाख यूनिट राशनकार्डों से हुईं बाहर, पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर अब वन नेशन वन कार्ड का हिस्सा बन गया है। राशनकार्डधारक अब राज्य के भीतर किसी भी जिले और अन्य प्रदेशों में सस्ता सरकारी खाद्यान्न ले सकेंगे। आधार सीडिंग में अड़चन बनीं पांच लाख यूनिट को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 06:05 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 06:05 AM (IST)
उत्तराखंड भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर अब वन नेशन वन कार्ड का हिस्सा बन गया है। फाइल फोटो

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। उत्तराखंड भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर अब वन नेशन वन कार्ड का हिस्सा बन गया है। उत्तराखंड के राशनकार्डधारक अब राज्य के भीतर किसी भी जिले और अन्य प्रदेशों में सस्ता सरकारी खाद्यान्न ले सकेंगे। आधार सीडिंग में अड़चन बनीं पांच लाख यूनिट को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है। इन यूनिट के लिए अब खाद्यान्न नहीं मिलेगा। साथ में जिलों को 4.50 लाख यूनिट को आधार से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है। आधार से जुड़ने वाली यूनिट का खाद्यान्न राशनकार्डधारकों को देने के निर्देश सरकार ने दिए हैं।

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वन नेशन वन कार्ड में बाधा का तोड़ आखिरकार सरकार ने ढूंढ ही लिया। प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान (एनएफएसए) के 13.30 लाख राशनकार्डधारक हैं। अंत्योदय समेत एनएफएसए के अंतर्गत 61.94 लाख व्यक्तियों को सस्ता खाद्यान्न योजना का लाभ मिल रहा है। केंद्र की वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत सभी राशनकार्डों में शामिल यूनिट की आधार सीडिंग अनिवार्य है। शत-प्रतिशत राशनकार्ड और यूनिट की आधार सीडिंग कराने वाले राज्यों में पड़ोसी राज्य हिमाचल पहले ही शामिल हो चुका है।

उत्तराखंड में सभी राशनकार्डों को डिजिटाइज करने के साथ ही आधार से जोड़ा जा चुका है। तकरीबन 99 फीसद से ज्यादा राशनकार्डधारकों की आधार सीडिंग के बावजूद उनमें शामिल यूनिट को शत-प्रतिशत आधार से जोड़ने में लंबे समय से परेशानी बनी हुई है। यूं तो उत्तराखंड बीते माह अगस्त से ही वन नेशन वन कार्ड योजना लागू कर चुका है। खाद्य विभाग की मुहिम के बावजूद शत-प्रतिशत यूनिटों की आधार सीडिंग में संबंधित व्यक्तियों से सहयोग नहीं मिलने की समस्या भी पेश आई। इस अड़चन दूर करते हुए सरकार ने आधार सीडिंग से दूरी बनाने वाली पांच लाख यूनिट को एनएफएसए योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

यह मामला बीते दिनों विधानसभा सत्र के दौरान भी उठ चुका है। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि एनएफएसए से बाहर की गईं यूनिट को दोबारा राशनकार्ड में शामिल करने का विकल्प खुला रखा गया है। सरकार किसी भी पात्र को सस्ता खाद्यान्न योजना से वंचित नहीं करना चाहती। इसलिए जिलों को यूनिट की आधार सीडिंग कराते हुए राशनकार्ड में दर्ज करने के लिए लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 85 फीसद आधार सीडिंग का सत्यापन भी किया जा चुका है। उत्तराखंड और अन्य राज्यों के राशनकार्डधारक जरूरत पड़ने पर एक दूसरे राज्यों में सस्ता खाद्यान्न ले सकेंगे।

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