उत्तराखंड में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के शुल्क निर्धारण का रास्ता साफ
उत्तराखंड में व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं के लिए शुल्क निर्धारण की व्यवस्था डेढ़ वर्ष से ठप है। अब यह वयवस्था दोबारा शुरू हो सकेगी। उत्तराखंड में 25 ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में निजी और व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं के लिए डेढ़ वर्ष से अधिक समय से ठप शुल्क निर्धारण की व्यवस्था दोबारा शुरू हो सकेगी। ऐसी संस्थाएं 250 से अधिक हैं, जिनके नए पाठ्यक्रमों के लिए शुल्क का निर्धारण नहीं हुआ है।
प्रदेश में प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति और अपीलीय प्राधिकरण के अध्यक्ष के रिक्त पदों पर सरकार सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति कर चुकी है। अभी नवनियुक्त अध्यक्षों ने अभी कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। उनके कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रदेश में निजी एवं व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं के लिए शुल्क निर्धारण की व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। सरकार ने प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष पद पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश महबूब अली को नियुक्त किया है। इससे पहले भी उन्हें इसी पद पर नियुक्ति दी गई थी, लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। हाईकोर्ट ने उनके नाम की संस्तुति की थी, ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार वह कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं।
समिति का अध्यक्ष पद लंबे समय से रिक्त रहा है। ऐसे में उच्च, व्यावसायिक, तकनीकी, चिकित्सा शिक्षा से संबंधित नए पाठ्यक्रमों के शुल्क का निर्धारण नहीं हो सका। शिक्षण संस्थान पहले से निर्धारित शुल्क व्यवस्था को ही अपनाए हुए हैं। शासन स्तर पर शुल्क में संशोधन और नए शुल्क के निर्धारण के लिए काफी संख्या में प्रस्ताव लंबित हैं। समिति के अध्यक्ष के कार्यभार ग्रहण करने पर इन प्रस्तावों को समिति के पास भेजा जाएगा।
प्राधिकरण में भी सुचारू होगा कामकाज
कमोबेश यही स्थिति अपीलीय प्राधिकरण की है। प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश लोकपाल सिंह को नियुक्त किया गया है। बगैर अध्यक्ष के अपीलीय प्राधिकरण ने कुछ समय तक कार्य किया, लेकिन एक सदस्य का कार्यकाल पूरा होने के बाद इस पर रोक लग गई थी। नए अध्यक्ष के कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्राधिकरण भी सुचारू कार्य कर सकेगा।
सदस्य के तीन पद भी रिक्त
प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति और अपीलीय प्राधिकरण में सदस्यों के तीन पद रिक्त हैं। उच्च शिक्षा विभाग इन पदों पर चयन की कार्यवाही कर रहा है। इन पदों के लिए भी आवेदन मांगे गए थे। अपीलीय प्राधिकरण में रिक्त शिक्षाविद के एक पद पर राजभवन दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा सुरेखा डंगवाल को नामित कर चुका है। पूर्व अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह प्राधिकरण के सदस्य सचिव हैं।

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