Aarogya Setu App आरोग्य सेतु से जुड़ेंगे फीचर फोन और लैंडलाइन यूजर्स, पढ़िए पूरी खबर
केंद्र ने अब फीचर फोन और लैंडलाइन यूजर्स को भी आरोग्य सेतु से जोड़ने की तैयारी कर ली है। इसके लिए एक आइवीआरएस नंबर जारी किया गया है।
देहरादून, जेएनएन। आप स्मार्ट फोन इस्तेमाल नहीं करते और इस वजह से आरोग्य सेतु एप का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, केंद्र ने अब फीचर फोन और लैंडलाइन यूजर्स को भी आरोग्य सेतु से जोड़ने की तैयारी कर ली है। इसके लिए एक आइवीआरएस नंबर जारी किया गया है। जिस पर मिस कॉल करने के बाद आपके पास अपने आप एक कॉल आएगी, जिस पर अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देकर कोरोना के खतरे से बचा जा सकता है। इस आइवीआरएस सिस्टम से समय-समय पर अलर्ट संदेश भी भेजे जाएंगे।
चीफ ऑफिसर ऑपरेशंस डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु आइवीआरएस नंबर 1921 जारी किया है। इस नंबर पर मिस कॉल करने के बाद कॉल कट जाएगा और कॉल मिलाने वाले के पास फोन आएगा। जिसमें फोन यूजर्स से उनके स्वास्थ्य संबंधी सवालों के आधार पर उनके स्वास्थ्य पर एसएमएस भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने अपेक्षा की है कि इस नंबर का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए।
यह सेवा 11 भाषाओं में उपलब्ध कराई जा रही है। फीचर फोन एवं लैंडलाइन से आने वाले रिस्पांस को भी आरोग्य सेतु एप के डाटा बेस में शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के वेब पेज एवं अन्य विभागों के वेब पेज पर भी इसका नंबर प्रचारित किया जा रहा है। साथ ही लोगों को अलर्ट किया गया है कि इस फोन कॉल की तरह ही अगर कोई फ्रॉड व्यक्ति फोन करके जानकारी या पैसे आदि की मांग करता है तो उनके झांसे में न आएं। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु एप को लेकर काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। सुरक्षा की दृष्टि से अभी तक प्रदेश में 11 लाख 49 हजार 715 यूजर इसे डाउनलोड कर चुके हैं।
यूजर से संपर्क
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आने के 51 दिन पूरे होने पर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन ने राज्य का ऑनलाइन ट्रैकर लांच किया है। इस ट्रैकर में अब तक सामने आए विभिन्न आंकड़ों को शामिल किया गया है। ट्रैकर में शामिल आंकड़ों का स्नोत स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से प्रतिदिन जारी किया जाने वाला हेल्थ बुलेटिन है।
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कोविड-19 ट्रैकर लांच करते हुए संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमित पहला मरीज बीती 15 मार्च को सामने आया था। इसके बाद राज्य में क्या स्थिति रही, ऐसी सभी प्रमुख जानकारियां आंकड़ों के माध्यम से तिथिवार इससे हासिल की जा सकती हैं। ट्रैकर पर यह जानकारी भी है कि कब कितने मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई, कब कितने मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौटे और अब कितने मरीज अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रदेश में कुल कितने टेस्ट हो रहे हैं और उनमें से कितने प्रतिशत केस पॉजिटिव आ रहे हैं।
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