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    ...तो खूंखार कुत्तों के पालन पर उत्तराखंड में नहीं कोई कानून! अब शासन क्‍या लेगा एक्‍शन?

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 08:42 PM (IST)

    उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून में खूंखार कुत्तों के आतंक से शासन बेखबर है। नगर निगम की जिम्मेदारी केवल पंजीकरण तक सीमित है जिसके लिए टीकाकरण और नसबंदी अनिवार्य है। केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बावजूद उत्तराखंड में कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में 23 खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

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    खतरनाक प्रजाति पर केंद्र की एडवाइजरी के बाद भी उत्तराखंड में नहीं जारी हुआ कोई आदेश। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में खुलेआम पाले जा रहे खूंखार कुत्तों की दहशत आमजन में जरूर है, लेकिन शासन इससे बेखौफ है। प्रदेश में सभी प्रकार के कुत्तों के पालन के लिए समान नियम हैं और नगर निगम की जिम्मेदारी महज पंजीकरण तक सिमटी है।

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    निकाय उपविधि के अनुसार पंजीकरण के लिए टीकाकरण और नसबंदी अनिवार्य है। इसके अलावा खूंखार कुत्तों के जानलेवा हमला करने पर भी निगम कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकते। इसके लिए प्रदेश में शासन की ओर से न तो कभी कोई मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई और न ही अपने नियम बनाए गए।

    बीते वर्ष केंद्र सरकार की ओर से 23 खतरनाक प्रजाति के कुत्तों पर प्रतिबंध की एडवाइजरी जारी होने के बाद भी उत्तराखंड में कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ। हालांकि, इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से अपने ही आदेश को स्थगित कर दिया गया था।

    दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से 12 मार्च 2024 को जारी 23 खतरनाक नस्लों के कुत्तों पर प्रतिबंध की एडवाइजरी पर राज्य सरकार ने कोई अलग शासनादेश या नया निर्देश जारी कर लागू नहीं किया। हालांकि स्थानीय निकायों और प्रशासन की ओर से इस पर कुछ कदम उठाए गए हैं।

    निकाय स्तर पर उपविधि के अनुरूप कार्रवाई की जाती है। देहरादून नगर निगम की ओर से कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, लेकिन इसके साथ सशर्त लाइसेंस, जिसमें नसबंदी और वैक्सीनेशन की अनिवार्यता है। इसके अलावा देहरादून पुलिस ने स्पष्ट किया है कि बिना लाइसेंस खतरनाक नस्ल पालतू रखना अपराध है।

    राटवीलर समेत इन नस्लों के कुत्तों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है। हालांकि, नगर निगम की उपविधि में किसी कठोर कार्रवाई का प्रविधान नहीं है और निगम शासन की ओर से गाइडलाइन या शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं।

    अब सवाल यह कि खूंखार कुत्तों के नागरिकों की जान को खतरा होने के बावजूद सिस्टम नियम-कायदों की फाइलें खंगालता रहेगा या कोई स्पष्ट नियमावली बनाई जाएगी। उप नगर आयुक्त संतोष पांडे ने बताया कि नगर निगम की ओर से कुत्तों के पालन पर उपविधि के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।

    उत्तर प्रदेश में लगा दिया गया प्रतिबंध

    उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के 12 मार्च 2024 की एडवाइजरी का पालन करते हुए 23 खतरनाक नस्ल के कुत्तों पर आयात, प्रजनन, और बिक्री पर रोक लगाने के लिए शासनादेश जारी कर दिया था।

    उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के क्रम में पशुपालन विभाग ने समस्त नगर निगमों, स्थानीय निकायों और जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश जारी किए कि 23 नस्लों पर प्रतिबंध तुरंत लागू करें। यह बीते वर्ष एक अप्रैल को लागू कर दिया गया था। उल्लंघन पर लाइसेंस निरस्तीकरण और जुर्माना जैसी उपयुक्त प्रक्रियाएं सुनिश्चित करने का नियम है। साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

    केंद्र सरकार की एडवाइजरी पर गफलत

    खतरनाक कुत्तों पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध की एडवाइजरी के बाद दो माह के भीतर ही सेल्फ स्टे या रोक आदेश जारी हुए थे। विभिन्न राज्यों की अदालतों ने याचिकाओं के क्रम में केंद्र को निर्देशित किया।

    जिस पर केंद्र सरकार के अग्रिम आदेश आने तक पूर्व के आदेश पर रोक लगा दी और उसके बाद कुत्तों पर प्रतिबंध संबंधी कोई नया आदेश केंद्र ने जारी नहीं किया। ऐसे में देहरादून नगर निगम भी गफलत में है कि कुत्तों की 23 प्रजातियों पर प्रतिबंध है या नहीं। इस संबंध में शासन से मार्गदर्शन मांगा जाएगा।