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    Dehradun News: पत्ती लपेटक कीट की चपेट की खबर से परेशान हुए किसान, धान के पौधे को लेकर पहुंचे कृषि कार्यालय

    By mahendra singh chauhanEdited By: riya.pandey
    Updated: Tue, 19 Sep 2023 11:30 AM (IST)

    डोईवाला प्रखंड के भी विभिन्न गांव में झुलसा रोग व पत्ती लपेटक कीट की चपेट में धान की फसल आनी प्रारंभ हो गई है। इसको लेकर कई किसान सोमवार को कृषि कार्यालय पहुंचे और उन्होंने जरूरी दवाइयां ली। इससे पूर्व हमने रायपुर प्रखंड के अंतर्गत पत्ती लपेटक कीट के चलते सैकड़ों बीघा धान की फसल बर्बाद होने के संबंध में समाचार प्रकाशित किया था।

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    धान के पौधे को लेकर कृषि कार्यालय पहुंचे किसान

    संवाद सहयोगी, डोईवाला। डोईवाला प्रखंड के भी विभिन्न गांव में झुलसा रोग व पत्ती लपेटक कीट की चपेट में धान की फसल आनी प्रारंभ हो गई है। इसको लेकर कई किसान सोमवार को कृषि कार्यालय पहुंचे और उन्होंने जरूरी दवाइयां ली। इससे पूर्व हमने रायपुर प्रखंड के अंतर्गत पत्ती लपेटक कीट के चलते सैकड़ों बीघा धान की फसल बर्बाद होने के संबंध में समाचार प्रकाशित किया था। वहीं अब डोईवाला में भी इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगे हैं।

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    दैनिक जागरण में समाचार प्रकाशित होने के बाद किसानों ने अपनी फसल में भी इस तरह के लक्षण पाए और अब वह इसके उपचार के लिए कृषि कार्यालय पहुंचे। इससे पूर्व वह इसे मौसम का असर ही समझ रहे थे।

    किसानों को दी जरूरी दवाइयां व सलाह 

    कार्यालय में पहुंचे किसानों को सहायक कृषि अधिकारी डीएस असवाल ने जरूरी दवाइयां व सलाह दी। किसान श्यामलाल व तेजपाल ने बताया कि उनकी चांदमारी व धर्मुचक में धान की लगभग 20 बीघा फसल बोई हुई है जिसमें इस तरह की बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। जिससे उनकी फसल खतरे की जद में है।

    तेलीवाला के किसान मोहम्मद कासिम ने बताया कि उन्होंने 3.5 बीघा धान की फसल बोई है जो की पूरी तरह से झुलस रही है। साथ ही इन किसानों ने बताया कि अन्य किसानों के खेतों में भी इस तरह की बीमारी फैलती जा रही है।

    बालियां आने के बाद पौधों को बचाना कठिन

    वहीं डोईवाला के सहायक कृषि अधिकारी डीएस असवाल ने बताया कि अभी डोईवाला क्षेत्र में ज्यादा मामले प्रकाश में नहीं आए हैं। लेकिन जो भी मामले सामने आ रहे हैं उनको उचित दवाइयां आदि दी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन धान के पौधों में बालियां आ गई हैं और वह रोग ग्रस्त हैं तो उन्हें बचाना कठिन होता है।

    जिन धान में बालिया नहीं आई हैं उनका हो सकता है उपचार

    जिन धान में अभी बालिया नहीं आई है और वह किसी कीट या रोग की चपेट में आ गए हैं तो उसका उपचार समय रहते किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि जिसके भी धान में इस तरह के लक्षण दिखाई दे तत्काल कृषि कार्यालय में संपर्क करें।

    झुलसा रोग में इस दवाई का करें छिड़काव

    • कार्बनडाइजिम स्ट्रेप्सा इम्सीन
    • कापर आक्सिक्लोराइड

    कांग्रेस ने की किसानों को मुआवजा देने की मांग

    कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तहसील में प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सोपा। कांग्रेस प्रदेश सदस्य गौरव चौधरी ने कहा कि रायपुर प्रखंड में किसानों की धान की फसल कृषि विभाग की लापरवाही के चलते पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। वहीं डोईवाला में भी अब मामले सामने आ रहे हैं।

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    किसानों को जागरूक करने के निर्देश की मांग

    उन्होंने सरकार से कृषि विभाग के अधिकारियों को गांव में जाकर फसल के बचाव वह किसानों को जागरूक करने के निर्देश देने की मांग की। साथ ही जिन किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है उन्हें मुआवजा देने की भी मांग की है।

    ज्ञापन देने वालों में बोबी नारंग, जसवंत सिंह, भारत भूषण कौशल, इंद्रजीत सिंह लाडी, जसवीर सिंह, सरजीत सिंह, रणजीत सिंह, सहित तमाम किसान मौजूद रहे।

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