किसानों तक नहीं पहुंच पा रहे जैविक खेती के गुर, जानिए वजह
किसान जैविक खेती कैसे करें इसके लिए किसानों तक जरूरी जानकारियां नहीं पहुंच पा रही हैं।
उत्तरकाशी, जेएनएन। जैविक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन, ग्रामीण अंचलों में किसान जैविक खेती कैसे करें, इसके लिए किसानों तक जरूरी जानकारियां नहीं पहुंच पा रही हैं। जिले में स्थिति यह है कि जैविक खेती करने के लिए कहां संपर्क करना है तथा कहां प्रशिक्षण लेना है इसका भी कोई पता नहीं है। जिले में घोषित जैविक ब्लॉक में सात हजार किसानों में से केवल तीन सौ किसानों के पास ही जैविक खाद तैयार करने के लिए पिट बने हैं।
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने की बयानबाजी शुरू हो गई। वर्ष 2003 में जैविक उत्पाद परिषद का गठन किया गया है। वर्ष 2015 में हर जिले में जैविक ब्लॉक चुने गए। इसी में उत्तरकाशी जनपद का भटवाड़ी ब्लॉक को शासन स्तर पर चुना गया। लेकिन, भटवाड़ी ब्लॉकमें सेब काश्तकारों के विरोध के कारण इसके बाद डुंडा ब्लाक को जैविक ब्लॉक बनाने की कवायद शुरू हुई।
साल 2015 में केंद्र सरकार से करीब 10 करोड़ की धनराशि भी आई। लेकिन, जैविक उत्पाद परिषद के डुंडा ब्लॉक के सात हजार किसानों में से केवल चार हजार किसानों का पंजीकरण किया है। जैविक खाद तैयार करने के लिए हर किसान के पास जैविक खाद पिट तैयार करवाए जाने थे। पर, अभी तक पूरे ब्लॉक में केवल तीन सौ किसानों के पास ही जैविक खाद पिट है।
बजट न मिलने के कारण इस वर्ष एक भी जैविक खाद पिट तैयार नहीं कराया गया। साथ ही गांव में ग्रामीणों जैविक खेती के लिए जागरूक करने के कार्यक्रम पर भी ब्रेक लग गया है। किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक करने का जिम्मा जैविक उत्पाद परिषद के पास है।
लेकिन परिषद की हालत ऐसी है कि जिले में तैनात कर्मचारियों के बैठने के लिए एक कार्यालय नहीं है। कर्मचारियों की संख्या भी सीमित है। जिस वजह से न तो किसानों के तैयार उत्पादों के सैंपल भरे जा रहे हैैं और न मिट्टी की जांच के अनुसार से किसानों को जैविक खाद और जैविक दवाइयां मिल पा रही है। भले ही सरकार ने इस बार कृषि विभाग को भी जैविक खेती को बढ़ावा देने का कार्य दिया है। पूरे जनपद में 450 कलस्टर दिए गए हैैं। लेकिन, अभी इन कलस्टरों में किसानों का चयन और कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
मुख्य कृषि अधिकारी महिधर तोमर ने बताया कि डेढ़ माह पहले ही कृषि विभाग को 450 कलस्टरों में परंपरागत जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने का कार्य मिला है। इसके लिए जल्द ही कृषि विभाग कार्य शुरू करेगा, इससे पहले जनपद में जैविक उत्पादन परिषद भी काम कर रहा था।
यह भी पढ़ें: किसानों के लिए खुशखबरी, अब इन फसलों के मिल सकेगी अच्छी कीमत
यह भी पढ़ें: महंगे नहीं मोटे अनाज से बनती है सेहत, जानिए कैसे
यह भी पढ़ें: सूखे में खेतों की प्यास बुझाना तो सुखोली वालों से सीखें, जानें कैसे बने मिसाल