किसानों के लिए खुशखबरी, अब इन फसलों के मिल सकेगी अच्छी कीमत
उत्तराखंड के किसानों को अब परंपरागत फसलों के अच्छे दाम मिल सकेंगे। इन फसलों के समर्थन मूल्य निर्धारण को गठित समिति ने अपनी संस्तुतियां शासन को सौंप दी हैं।
देहरादून, केदार दत्त। उत्तराखंड के किसानों के लिए अच्छी खबर। अब उन्हें झंगोरा, रामदाना, काला भट्ट, गहथ, राजमा जैसी परंपरागत फसलों के अच्छे दाम मिल सकेंगे। इन फसलों के समर्थन मूल्य निर्धारण को गठित समिति ने अपनी संस्तुतियां शासन को सौंप दी हैं। इसमें इन सभी फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि प्रदेश में होने वाली सभी फसलों का प्रतिवर्ष उत्पादन लागत सर्वे कराया जाए, ताकि किसानों को फसल का उचित मूल्य हासिल हो सके। शासन में मंथन के बाद इन सिफारिशों को कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा और फिर सरकार समर्थन मूल्य घोषित करेगी।
खरीफ और रबी में सूचीबद्ध फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार निर्धारित करती है, लेकिन स्थानीय व परंपरागत फसलों का एमएसपी राज्य सरकारें तय करती हैं। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार की ओर से झंगोरा (सावां-मादिरा), रामदाना (चौलाई), काला भट्ट (ब्लैक सोयाबीन), गहथ, राजमा के समर्थन मूल्य निर्धारण को कृषि एवं मंडी समिति के अधिकारियों की छह सदस्यीय समिति गठित की। इसमें डॉ. अजय कुमार शर्मा, विजय थपलियाल, विनय कुमार, डॉ.एके उपाध्याय, पंकज कुमार व डॉ. डीके सिंह शामिल थे।
सूत्रों के मुताबिक समिति ने समर्थन मूल्य को लेकर गहन मंथन के बाद मसौदा तैयार कर इसे शासन को सौंप दिया है। इसमें पांचों फसलों के लिए प्रस्तावित समर्थन मूल्य में वर्ष 2015 के एमएसपी के मुकाबले काफी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। समिति ने कई सुझाव भी अपनी रिपोर्ट में दिए हैं। समिति ने पाया कि कुट्टू जैसी फसल के क्षेत्रफल, उत्पादन व उत्पादकता से संबंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लिहाजा, इसका समर्थन मूल्य प्रस्तावित नहीं किया जा सका।
इसे देखते हुए समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत पर आधारित होता है। सुझाव दिया गया है कि प्रदेश में प्रत्येक वर्ष सभी फसलों का उत्पादन लागत सर्वे कराया जाए, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सके।
मंडुवा 2897 रुपये प्रति कुंतल
प्रदेश में उत्पादित होने वाले मंडुवा के भी किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए मंडुवा का समर्थन मूल्य 2897 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया है। पिछले वर्ष मंडुवा का समर्थन मूल्य 1900 रुपये प्रति कुंतल था।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य में परंपरागत फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने को गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति की सिफारिशों को कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद परंपरागत फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा की जाएगी।
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