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Famous Temples In Haridwar: चमत्‍कारी है हरिद्वार के मनसा देवी का मंदिर, ऐसी मान्‍यता है यहां पेड़ पर धागा बांधने से पूरी होती है मनोकामनाएं

Famous Temples In Haridwar हरिद्वार जनपद में पहाड़ पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर। ऐसी मान्‍यता है कि जो भी व्यक्ति माता के मंदिर में आता है वह अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां पेड़ की शाखाओं में धागा बांधते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 01:38 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 01:38 PM (IST)
Famous Temples In Haridwar: चमत्‍कारी है हरिद्वार के मनसा देवी का मंदिर, ऐसी मान्‍यता है यहां पेड़ पर धागा बांधने से पूरी होती है मनोकामनाएं
Famous Temples In Haridwar: हरिद्वार जनपद में पहाड़ पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर।

मनीष कुमार, हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के मुख शिखर पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। मनसा का शाब्दिक अर्थ है इच्छा पूर्ण करने वाली देवी।

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वर्ष भर देवी के दर्शन को मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। नवरात्रों में मंदिर की रौनक देखते ही बनती है। परिसर में मौजूद स्नोही वृक्ष पर डोरी बांधने की भी परंपरा चली आ रही है।

जो भी व्यक्ति माता के मंदिर में आता है वह अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर परिसर में स्थित पेड़ की शाखाओं में धागा बांधते हैं। एक बार जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो लोग पेड़ से धागा खोलने के लिए दोबारा इस मंदिर में आते हैं।

यह मंदिर का इतिहास

मनसा देवी मंदिर का निर्माण राजा गोला सिंह ने सन 1811 से 1815 के बीच किया था। यह मंदिर उन चार स्थानों में से एक है, जहां समुद्र मंथन के बाद निकले अमृत की कुछ बूंदें गलती से यहां पर गिर गईं थीं। बाद में इस स्थान पर माता के मंदिर का निर्माण किया गया था। मंदिर में मां की दो मूर्तियां स्थापित की गयी हैं। एक प्रतिमा में उनके तीन मुख और पांच भुजाएं हैं। दूसरे में आठ भुजाएं हैं। मां कमल और सर्प पर विराजित हैं।

यह है धार्मिक महत्व

मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी आता है। इसमें मनसा देवी को दसवीं देवी माना गया है। मान्यता है कि एक बार जब महिसासुर नामक राक्षस ने देवताओं को पराजित कर दिया। इसके बाद देवताओं ने देवी का स्मरण किया।

देवी ने प्रकट होकर महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया। इस पर देवताओं ने देवी की पूजा अर्चना की और देवी से कहा कि हे देवी जिस प्रकाश आपने हमारी मनसा को पूरा किया इसी प्रकार कलियुग में भी भक्तों की मनसा को पूरा कर उनकी विपत्ति को दूर करें।

कहते हैं कि इस पर देवी ने हरिद्वार के शिवालिक मालाओं के मुख्य शिखर के पास ही विश्राम किया गया। इसी कारण से यहां मनसा देवी मंदिर की स्थापना हुई। मान्यता है कि इसी जगह पर मनसा देवी की मूर्ति प्रतिष्ठित हुई। कालांतर में यहां मंदिर बनाया गया और मंदिर में आज भी मां मनसा देवी की मूर्ति विराजमान है।

इस तरह पहुंचे मंदिर

हरिद्वार शहर के अपर रोड के समीप स्थित मां मनसा देवी मंदिर हवाई, रेल और सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डे से टैक्सी या बस के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी करीब 41 किमी है।

रेल मार्ग से आने वाले श्रद्धालु रेलवे स्टेशन से रिक्शा, तांगा, आटो, टैक्सी आदि से मंदिर पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी करीब तीन किमी है।

सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए किसी भी शहर से परिवहन निगम की बस, निजी बस, टैक्सी या खुद के वाहन से पहुंचा जा सकता है। मां के दरबार तक सीढ़ियों के अलावा उड़न खटोले से पहुंच सकते हैं।


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