Updated: Sun, 29 Jun 2025 03:32 PM (IST)
विकासनगर में एक 13 वर्षीय छात्र ने हॉस्टल जाने से बचने के लिए अपने अपहरण की झूठी कहानी रची। पुलिस जांच में पता चला कि छात्र हिमाचल प्रदेश तक अकेले ही गया था। उसने खुद बाल कटवाए और कपड़े खरीदे जबकि घरवालों को अपहरण की झूठी कहानी सुनाई। एक अन्य घटना में एक महिला ने भी अपहरण का झूठा दावा किया जिससे पुलिस को गुमराह किया गया।
जागरण संवाददाता, विकासनगर । 13 वर्षीय छात्र के अपहरण का मामला झूठा निकला। विकासनगर कोतवाली की पुलिस की जांच में इस मामले का सच सामने आ गया है। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि हॉस्टल जाने से बचने को छात्र ने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी। लौटने के बाद छात्र ने स्वजन को बताया था कि वह अपहर्ताओं के चंगुल से छूटकर आया है।
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इससे पूर्व पुल नंबर एक डाक्टरगंज निवासी सुरेश ने 26 जून को बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मामले की सच्चाई सामने आने के बाद स्वजन बाजार चौकी पहुंचे और लिखित रूप में छात्र की गलती स्वीकार की। सुरेश ने 26 जून को बाजार चौकी पहुंचकर पुलिस को बताया था कि उनका 13 वर्षीय पुत्र बिना बताए कहीं चला गया है। वह अपनी माता का मोबाइल फोन भी साथ ले गया है।
कुछ घंटों के बाद स्वजन ने पुलिस को सूचना दी कि उनका पुत्र मिल गया है और वह सकुशल घर लौट आया है। वापस लौटकर छात्र ने स्वजन को बताया कि चार अज्ञात व्यक्तियों ने एक काले रंग की कार में उसका अपहरण कर लिया था।
अपहरण की सूचना को गंभीरता से लेते हुए कोतवाल विनोद गुसाईं ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित क्षेत्र सहित आसपास के विभिन्न स्थानों की सीसीटीवी फुटेज चेक की। फुटेज से पता चला कि 13 वर्षीय छात्र अकेले ही विभिन्न वाहनों से लिफ्ट लेकर हिमाचल प्रदेश के मेरूवाला क्षेत्र तक गया। उसने वापस लौटकर स्वजन को बताया था कि अपहर्ताओं ने उसके बाल काटे और उसे नए कपड़े दिलाए।
जांच में पाया गया कि मां के मोबाइल फोन के जरिये उसने यूपीआइ के माध्यम से पेमेंट कर खुद ही पकड़े खरीदे। नाई से संपर्क करने पर उसने पुलिस को बताया कि छात्र उसके पास अकेला ही आया था और बाल कटवाने के बाद आनलाइन भुगतान किया। बालक की माता के मोबाइल की जांच की गई तो मोबाइल की लोकेशन विकासनगर तक पाई गई। इसके बाद मोबाइल फोन बंद हो गया। पुलिस का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति छात्र का अपहरण करता तो मोबाइल फोन को वहीं स्विच आफ कर फेंक देता।
अपहरण की सच्चाई सामने आने पर छात्र ने स्वीकार किया कि उसे अपने स्कूल के हॉस्टल देहरादून जाना था, लेकिन वह नहीं जाना चाहता था। इस कारण वह स्वयं ही हिमाचल के पांवटा साहिब होते हुए मेरुवाला चला गया। रास्ता भटक जाने पर उसने मेरूवाला निवासी सुरेंद्र से सहायता ली, जिसने उसे घर पहुंचाया। डर के कारण उसने स्वजन को अपने अपहरण की झूठी कहानी सुनाई।
झूठी निकली महिला के अपहरण की सूचना
विकासगनर । कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से महिला के अपहरण के प्रयास की सूचना पर पुलिस को पसीना बहाना पड़ा। जांच में सूचना झूठी निकली। पुलिस को कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि उनके परिवार की महिला का अपहरण हो गया है। मगर जांच में पता चला कि महिला खुद ही किसी व्यक्ति से मिलने गई थी। स्वजन को गुमराह करने के लिए उसने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी।
पहले तो महिला ने पुलिस को सूचना दी कि एक बाइक सवार ने नशीला पदार्थ सुंघाकर उसका अपहरण करने का प्रयास किया। महिला ने बताया कि किसी तरह वह युवक के चंगुल से छूटने में कामयाब रही।
डाकपत्थर चौकी प्रभारी विवेक भंडारी ने सीसीटीवी की फुटेज की जांच की तो महिला बाइक पर व्यक्ति के पीछे बैठी नजर आई। जब महिला की पोल खुली तो उसके पुलिस के सामने सच्चाई बयां की। जांच में पता चला कि महिला ने खुद ही एक व्यक्ति से मुलाकात की। दोनों आपस में बातचीत करने लगे। वह खुद ही व्यक्ति से मिलने गई थी।
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