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    UKSSSC पेपर लीक के बाद नया फर्जीवाड़ा, परीक्षा में फर्जी स्थायी निवास और OBC सर्टिफिकेट का बड़ा खेल

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 09:34 AM (IST)

    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) में फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों का मामला सामने आया है। पुलिस ने सुरेंद्र कुमार नामक एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है जिसने फ़र्ज़ी स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र जमा किए थे। आयोग को संदेह है कि अन्य अभ्यर्थियों ने भी इसी तरह के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ जमा किए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मिलीभगत करने वालों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

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    स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र का बड़ा खेल, जल्द उठ सकता है पर्दा।

    जागरण संवदादाता, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक प्रकरण के बाद अलर्ट हुए आयोग व पुलिस ने परीक्षा से पूर्व जांच का दायरा बढ़ाया तो फर्जी स्थायी निवास व ओबीसी प्रमाणपत्र का बड़ा खेल सामने आ रहा है।

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    फर्जी दस्तावेज बनाने में बड़े गिरोह की संभावना जताई जा रही है। आयोग की जिस परीक्षा के लिए तीन केंद्रों के लिए आवेदन करने वाले आरोपित सुरेंद्र कुमार निवासी कनकपुर, भोजपुर मोदीनगर, गाजियाबाद उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है, उसने स्थायी निवास व ओबीसी प्रमाण पत्र लगाए हुए हैं।

    जांच में अब तक यह दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। ऐसे में आयोग व पुलिस को अन्य अभ्यर्थियों की ओर से भी मिलीभगत से फर्जी स्थायी निवास व ओबीसी प्रमाणपत्र बनाने का अंदेशा है। प्रदेश में निकलने वाली आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उत्तराखंड का स्थायी निवास जरूरी है।

    इसके अलावा आरक्षण के लिए अभ्यर्थियों की ओर से ओबीसी सर्टिफिकेट लगाए जाते हैं। यह सर्टिफिकेट केवल अन्य पिछड़ा वर्ग व कुछ पिछड़े क्षेत्र के निवासियों को जारी किए गए हैं। लेकिन अभ्यर्थी निजी लाभ उठाने के लिए मिलीभगत से इन दस्तावेजों को भी बना रहे हैं।

    अभ्यर्थी सुरेंद्र कुमार की ओर से अपलोड किए गए दस्तावेजों में जब स्थायी निवास व ओबीसी देखे गए तो पुलिस ने इसकी जांच की।

    पुलिस सूत्रों की मानें तो प्राथमिक जांच में दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, क्योंकि इसमें आवेदन संख्या में कुछ गड़बड़ी सामने आ रही है। ऐसे में पुलिस जल्द मिलीभगत करके इस तरह से दस्तावेज तैयार करने वालों को भी गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस पता कर रही है कि किसकी मिलीभगत से यह दस्तावेज तैयार जा रहे हैं। यदि यह दस्तावेज भी फर्जी बन रहे हैं तो मामला और भी गंभीर हो सकता है।