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    देहरादून में नकली सिगरेट रैकेट का भंडाफोड़, एसटीएफ ने पकड़े 22 हजार नकली पैकेट

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 03:44 PM (IST)

    देहरादून में एसटीएफ ने नकली सिगरेट के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया है। 22 हजार से अधिक नकली सिगरेट के पैकेट बरामद किए गए हैं। लांसर नेटवर्क कंपनी की शिकायत पर कार्रवाई की गई। जांच में पता चला कि गिरोह दिल्ली और मुजफ्फरनगर से संचालित हो रहा था जो करोड़ों की टैक्स चोरी कर रहे थे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    एसटीएफ ने किया नकली सिगरेट रैकेट का पर्दाफाश। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में नकली सिगरेट के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ है। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ब्रांड की नकली सिगरेट बेचने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 22 हजार एक सौ नकली सिगरेट के पैकेट बरामद किए हैं।

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    कार्रवाई में नकली उत्पाद तैयार कर सरकारी राजस्व को भारी चूना लगाए जाने का पर्दाफाश हुआ है। दिल्ली और मुजफ्फरनगर से गिरोह संचालित किया जा रहा था, जिसके चलते एसटीएफ की टीमें भी दूसरे राज्यों के लिए रवाना कर दी गई हैं।

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि इस रैकेट का भंडाफोड़ तब हुआ जब लांसर नेटवर्क कंपनी के मैनेजर अनुकल्प सिंह ने एसटीएफ को सूचना दी कि देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में गोल्ड फ्लैक और अन्य ब्रांडेड सिगरेट की नकली डिब्बियां अवैध रूप से बेची जा रही हैं।

    सूचना के आधार पर पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एसटीएफ, स्थानीय पुलिस और कंपनी प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम बनाई गई, जिसने जाखन क्षेत्र के निशांत ट्रेडर्स के गोदाम पर छापा मारा।

    छापेमारी के दौरान जो सिगरेट डिब्बियां बरामद हुईं, उन पर गोल्ड फ्लैक ब्रांड का लेबल लगा हुआ था। जांच में कंपनी प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि ये सभी डिब्बियां नकली थीं। डिब्बियों पर जाली बारकोड, ब्रांड का लोगो और स्वास्थ्य चेतावनी की हूबहू नकल की गई थी, ताकि उपभोक्ताओं को असली बताकर बेची जा सके।

    करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी

    एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह रैकेट दिल्ली और मुजफ्फरनगर से संचालित होता है और उत्तराखंड के कई हिस्सों में सप्लाई की जाती हैं। नकली माल को सस्ते दामों में खरीदकर थोक विक्रेता इन्हें असली ब्रांड बताकर फुटकर दुकानों को ऊंचे दामों पर बेचते हैं और सारा लेन-देन नकद में होता है, ताकि टैक्स चोरी की जा सके।

    संगठित गिरोह पर शिकंजा

    एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक, यह एक संगठित आपराधिक गिरोह है जिसकी जड़ें अन्य राज्यों और संभवतः अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से भी जुड़ी हो सकती हैं। फिलहाल गिरोह से जुड़े व्यक्तियों से पूछताछ जारी है और राज्य के अन्य हिस्सों में भी छापेमारी की जा रही है।