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    Dehradun News: फेसबुक पर साइबर जाल! कैसे बचें ठगी से? महिलाओं की फर्जी प्रोफाइल और लुभावने ऑफर से फंसा रहे लोग

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 09:21 AM (IST)

    देहरादून में फेसबुक के माध्यम से साइबर ठगी की वारदातें बढ़ रही हैं। ठग फर्जी प्रोफाइल बनाकर दोस्ती करते हैं लुभावने ऑफर देते हैं और वीडियो कॉल के जरिए ब्लैकमेल करते हैं। साइबर पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है कि अनजान लोगों से दोस्ती न करें और सावधानी बरतें। फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करके और सतर्क रहकर साइबर अपराध से बचा जा सकता है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। फेसबुक आज केवल दोस्ती, जान-पहचान और मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि लोगों के कारोबार, सूचना और संवाद का भी जरिया बन गया है। लेकिन इसी मंच पर अब साइबर अपराधियों ने अपने जाल फैला दिए हैं। इन दिनों अधिकतर साइबर ठगी की घटनाओं को फेसबुक के जरिए ही अंजाम दिया जा रहा है।

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    फेसबुक के जरिए ठग एक झटके में लोगों की मेहनत की कमाई साफ कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकांश ठगी इतनी चालाकी से होती है कि शिकार बनने वाला व्यक्ति काफी देर तक समझ ही नहीं पाता कि उसके साथ क्या हो गया।

    महिलाओं की फर्जी प्रोफाइल बनाकर पुरुषों से दोस्ती करना 

    साइबर ठग सबसे पहले फेसबुक पर नकली प्रोफाइल बनाते हैं। इनमें ज्यादातर प्रोफाइल आकर्षक तस्वीरों और भ्रामक जानकारियों से भरे होते हैं। महिलाओं की फर्जी प्रोफाइल बनाकर पुरुषों से दोस्ती करना और फिर उनसे बातचीत शुरू करना आम तरीका है। कई मामलों में ठग खुद को विदेशी नागरिक बताकर लोगों से दोस्ती करते हैं और फिर गिफ्ट भेजने का झांसा देते हैं।

    गिफ्ट कस्टम में फंसे होने या टैक्स भरने के नाम पर लोगों से हजारों-लाखों रुपये ऐंठ लेते हैं। वहीं कुछ मामलों में किसी अधिकारी की फोटो का इस्तेमाल कर उनके नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और फिर उन्हीं के परिचितों को मैसेंजर से मैसेज भेजकर रुपये मांगते हैं।

    लुभावने आफर या स्कीमें डालकर भी लोगों को फंसाते हैं साइबर ठग

    इसके अलावा फेसबुक पर ठग लुभावने ऑफर या स्कीमें डालकर भी लोगों को फंसाते हैं। फेसबुक पर किसी भी ब्रांड का सामान दिखाकर सस्ती दरों में बेचने का झांसा देते हैं। यदि किसी ने सामान मंगवा लिया तो उससे आनलाइन रकम ऐंठकर रफ्फू चक्कर हो जाते हैं। वहीं घर बैठे पैसे कमाएं, लोन मंजूर या जाब आफर जैसी पोस्टों में लिंक दिया होता है।

    जैसे ही कोई व्यक्ति उस लिंक पर क्लिक करता है, उसके फोन या कंप्यूटर में वायरस इंस्टाल हो जाता है और फिर ठग उसकी निजी जानकारी तक पहुंच जाते हैं। बैंक डिटेल, यूपीआई पिन और ओटीपी हासिल करके ठग खाते से रकम गायब कर देते हैं।

    फेसबुक पर दोस्ती कर वीडियो काल और ब्लैकमेलिंग

    इन दिनों फेसबुक पर दोस्ती कर वीडियो कालिंग के जरिए ठगी और ब्लैकमेलिंग के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। ठग पहले पीड़ित को वीडियो काल पर फंसाते हैं और फिर उसकी फोन की स्क्रीन को रिकार्ड कर देते हैं। इसके बाद अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलते हैं। ऐसे मामलों में कई लोग सामाजिक बदनामी के डर से शिकायत तक नहीं करते और चुपचाप ठगों को पैसे दे देते हैं।

    साइबर थाना पुलिस की ओर से लगातार किया जा रहा जागरूक

    साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की ओर से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि फेसबुक या किसी भी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी अनजान व्यक्ति से न तो दोस्ती करें और न ही अपनी निजी जानकारी साझा करें। किसी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच जरूर करें। गिफ्ट, लाटरी या आफर के नाम पर मांगे गए पैसों से हमेशा सतर्क रहें।

    केस स्टडी-1:

    योगेंद्र रावत निवासी कोटद्वार उमरावनगर जिला पौड़ी गढ़वाल ने बताया कि वह कुवैत में शेफ के पद पर कार्यरत है। उन्हें निवेश संबंधी फेसबुक पर लिंक दिखा। लिंक पर क्लिक करने के बाद वह एक वाट्सएप ग्रुप में जुड़ गए। साइबर ठगों ने उनसे खाता खुलवाकर विभिन्न तिथियों में 30.54 लाख रुपये की ठगी कर दी।

    केस स्टडी-2:

    सुधीर गोयल निवासी चमन विहार ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन दिखा। विज्ञापन पर दिए लिंक पर क्लिक कर वह एक ग्रुप में जुड़ गए। उन्हें निवेश का झांसा देकर मोटा मुनाफा का लालच दिया गया और विभिन्न तिथियों को उनसे 23.65 लाख रुपये की ठगी कर दी।

    केस स्टडी-3:

    नेहरूग्राम निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि अज्ञात युवती ने उन्हें फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। इसके बाद मैसेंजर पर मैसेज भेजने शुरू कर दिए। 28 मार्च की रात को महिला ने वीडियो काल की। काल उठाने पर दूसरी तरफ एक युवती अर्धनग्न स्थिति में थी तो उन्होंने काल काट दी। थोड़ी ही देर बाद उन्हें अश्लील वीडियो भेजकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

    सावधानी से हो सकेगा बचाव

    सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि साइबर ठगी से बचाव का सबसे आसान तरीका है सावधानी ही है। फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें, दो-स्तरीय सुरक्षा का इस्तेमाल करें और पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें। अनजान लिंक, वीडियो काल और संदेशों से दूरी बनाकर ही ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है।