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    भारत में हर तीसरा व्यक्ति हो रहा Diabetes से ग्रसित, जीवनशैली में कुछ बदलाव कर इसे किया जा सकता है कम

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Wed, 25 May 2022 10:10 AM (IST)

    Diabetes Health Tips भारत में हर तीसरा व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित हो रहा है जो चिंता का विषय है। मधुमेह मेटाबॉलिस्म (चयापचय) संबंधी बीमारियों का एक समूह है। जिसमें लंबे समय तक हाई ब्लड सुगर का स्तर रहता है।

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    भारत में हर तीसरा व्‍यक्ति मधुमेह से ग्रसित

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : Diabetes Health Tips :  भारत में हर तीसरा व्‍यक्ति मधुमेह से ग्रसित है। लेकिन जीवनशैली में बदलाव लाकर इस बीमारी को कम किया जा सकता है। यह जानकारी एम्स ऋषिकेश के बायोकेमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. सरमा साहा ने दी।

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    दो तरह के होते हैं मधुमेह

    उन्‍होंने कहा कि भारत में हर तीसरा व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित हो रहा है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि मधुमेह दो तरह के होते हैं, जिन्हें टाइप-1 तथा टाइप 2 के नाम से जाना जाता है।

    गर्भवती महिलाओं के बच्‍चे पर असर

    मधुमेह मेलिटस मधुमेह के कारक होते हैं। गर्भवती महिलाओं में प्रथम तीन महीने यदि मधुमेह पाया जाता है तो इसका असर उनके होने वाले बच्चे पर होता है। उन्होंने मधुमेह के कारकों पर भी प्रकाश डाला, जिनमें मोटापा, पारिवारिक इतिहास, धूमपान तथा अल्कोहल का सेवन मुख्य है।

    मधुमेह क्‍या है

    मधुमेह मेटाबॉलिस्म (चयापचय) संबंधी बीमारियों का एक समूह है। जिसमें लंबे समय तक हाई ब्लड सुगर का स्तर रहता है। जिस वजह से मरीजों में अक्सर पेशाब आना, प्यास की बढ़ोतरी और भूख में वृद्धि होती है। गंभीर स्थिति में मरीज की मौत तक हो सकती है। गंभीर होने पर इसके कई जटिल रुप दिखाई देते हैं। जिसके प्रमुख लक्षण हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी की विफलता, पैर अल्सर और आंखों की रोशनी कम होना हैं।

    मधुमेह के कारण

    • कम नींद
    • व्यायाम न करना
    • अनहेल्दी डाइट
    • शरीर में पानी की कमी से शुगर का लेवल बढ़ना
    • मोटापा
    • फास्ट फूड या साफ्ट ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन
    • मैदा और रिफाइंड तेज का ज्यादा इस्तेमाल

    मधुमेह से कैसे बचें

    • रोजाना कम से कम 30 मिनट चलें या किसी तरह का व्‍यायाम करें। ज्‍यादा से ज्‍यादा पैदल चलें।
    • अपने वजन को बढ़ने न दें। वर्कआउट करें, सेहतमंद चीजें खाएं और खूब पानी पिएं। रोजाना कम से कम 10 ग्लास पानी पिएं।
    • खान-पान पर कंट्रोल करें। ज्‍यादादा कैलोरी या अधिक मीठी और फैट वाली चीजें खाने से बचें। इसके अलावा बाजार में मिलने वाले जूस, कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा का भी कम सेवन करें।