सावधान! यहां हर माह होता है दस नाबालिगों का यौन उत्पीड़न, जानिए
राजधानी देहरादून में हर महीने दस से अधिक नाबालिग यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश की राजधानी में नाबालिग न तो घर में सुरक्षित हैं और न ही घर के बाहर। नाबालिगों के साथ यहां यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। हर माह दून में नाबालिगों के साथ होने वाले दुष्कर्म या छेड़छाड़ से संबंधित दस से अधिक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। इसी वर्ष अब तक जनपद में पोक्सो एक्ट में 80 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। इसमें आधे मामले दुष्कर्म से संबंधित हैं।
इसे मानसिक विकृति कहें या आधुनिकीकरण का साइड इफेक्ट। जिस भारतीय संस्कृति में बच्चियों को देवी मानकर पूजा जाता है, आज वहीं ये बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। नाबालिगों के यौन उत्पीडऩ के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि घर से बाहर तो दूर, घर के भीतर भी बच्चियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं है। दून में इस साल नाबालिगों के साथ सामूहिक दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जिससे इंसानियत शर्मसार हो जाए।
सख्त कानून और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होने के बाद भी इस प्रकार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं और आए दिन जनपद के किसी न किसी थाने में मामले दर्ज हो रहे हैं। हालांकि, कहा जा रहा है कि लोगों में जागरूकता और दोषियों को सजा मिलने के बाद अब लोग खुलकर सामने आ रहे हैं, लेकिन वजह जो भी हो लगातार सामने आ रहे इस प्रकार के मामलों से परिजनों की चिंता जरूर बढ़ गई है।
सामूहिक दुष्कर्म ने उजागर की सरकारी खामियां
बीते 14 अगस्त को भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्ड स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा से नाबालिग दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया। इस वारदात ने उन सभी अभिभावकों को भीतर तक हिला कर रख दिया, जिनके बच्चे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हैं। हालांकि इस घटना के बाद स्कूल की मान्यता रद कर दी गई, लेकिन इस वाकये ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार और विभाग स्तर पर बनाई गई गाइडलाइन की वास्तविकता भी सामने आ गई।
भाऊवाला में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित जेल में हैं और सभी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल हो गई है। घटना सहसपुर इलाके के भाऊवाला स्थित स्कूल में बीती 14 अगस्त को हुई। यहां इंटर में पढऩे वाले दो व हाईस्कूल में पढ़ने वाले दो छात्रों ने हाईस्कूल की छात्रा के साथ गैंगरेप किया। छात्रा स्कूल में अपनी बड़ी बहन के साथ रहती है। जब उसकी तबीयत खराब हुई तो उसने अपनी बहन को पूरी बात बताई। बहन ने स्कूल प्रबंधन को मामले से अवगत कराया। इसके बाद छात्रा को इलाज के लिए निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि छात्रा गर्भवती है।
इसका पता चलते ही प्रबंधन मामले को दबाने के प्रयास में जुट गया और छात्रा का गर्भपात करा दिया गया। जिसके बाद दून पहुंचे छात्रा के परिजनों ने एसएसपी निवेदिता कुकरेती को मामले की जाकनारी दी। मामले में आरोपित छात्रों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इसमें स्कूल की निदेशक लता गुप्ता, प्रधानाचार्य जितेंद्र शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा, दीपक की पत्नी तन्नू व आया मंजू शामिल हैं। इन लोगों पर छात्रा को डराने-धमकाने और गर्भपात कराने की कोशिश करने का आरोप है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। पहले लोग इस प्रकार के मामलों को छुपाते थे, लेकिन अब लोग दोषियों को सजा दिलाने के लिए आगे आ रहे हैं। पोक्सो एक्ट बनने से भी काफी फर्क पड़ा है। पुलिस भी इन मामलों को गंभीरता से ले रही है और तुरंत मुकदमा दर्ज कर दोषियों को सजा दिलाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है।
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