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उत्तराखंड में हर दिन 60 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार, 20 दिनों में आई 1210 शिकायतें

प्रदेश में महिला उत्पीडऩ के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यदि केवल महिला घरेलू हिंसा के मामलों पर नजर डालें तो प्रदेश भर में प्रतिदिन 60 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं। 20 दिनों में कंट्रोल रूम में 1210 शिकायतें केवल घरेलू हिंसा की आई।

By Ritika KumariEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 05:39 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 05:39 PM (IST)
उत्तराखंड में हर दिन 60 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार, 20 दिनों में आई 1210 शिकायतें
प्रदेश भर में प्रतिदिन 60 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून।  प्रदेश में महिला उत्पीडऩ के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यदि केवल महिला घरेलू हिंसा के मामलों पर नजर डालें तो प्रदेश भर में प्रतिदिन 60 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं। फरवरी महीने के 20 दिनों में कंट्रोल रूम में महिला उत्पीडऩ के आए कुल 2041 शिकायतों में से 1210 शिकायतें केवल घरेलू हिंसा की शामिल थी। वहीं जनवरी महीने में आई कुल 2780 शिकायतों में से 1670 घरेलू हिंसा और दिसंबर 2020 में आई कुल 2712 शिकायतों में से 1585 शिकायतें केवल घरेलू हिंसा की थी। इनमें से कई महिलाएं शिकायतें दर्ज करवाने के लिए थाने तक नहीं पहुंच पाती हैं। 

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यौन उत्पीडऩ की शिकायतें भी बढ़ीं

कंट्राल रूम में आने वाली शिकायतों में यौन उत्पीडऩ व दुव्र्यवहार की शिकायतों में भी बढ़ोतरी हुई है। जनवरी 2020 में यौन उत्पीडऩ व दुव्र्यवहार की 276, जनवरी 2021 में 299 और फरवरी में अब तक 227 शिकायतें आ चुकी हैं। इसी तरह दहेज उत्पीडऩ में दिसंबर में 26, जनवरी में 18 व फरवरी में अब तक 22 शिकायतें कंट्रोल रूम में आई हैं।

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इंटरनेट मीडिया पर गलत सामग्री भेजने के मामले भी बढ़े

इंटरनेट मीडिया का प्रसार बढऩे के साथ ही महिलाओं व युवतियों को इंटरनेट के माध्यम से अश्लील सामग्री भेजने के मामले भी बढ़े हैं। दिसंबर में आठ, जनवरी में आठ व फरवरी में अब तक तीन ऐसी शिकायतें आ चुकी हैं। वहीं युवकों की ओर से पीछा करने की शिकायतें जहां दिसंबर में पांच थी वहीं जनवरी में नौ व फरवरी में छह शिकायतें आ चुकी हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि महिलाओं की शिकायतें सुनने के लिए हर थाने में महिला हेल्प डेस्क खोला गया है। महिलाएं किसी भी तरह की शिकायत अब हेल्प डेस्क में कर सकती हैं। महिलाओं की शिकायतें न सुनने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित भी किया जा चुका है। प्रदेश के सभी जिला प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वह महिला संबंधी शिकायत को गंभीरता से लें।

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