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भू आवंटन का मामला सीएम के समक्ष उठाएंगे उद्यमी

औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई के उद्यमियों का कहना है कि राज्य सरकार ने सेलाकुई में पहले नियमानुसार खुद उद्यमियों को पट्टे की भूमि आवंटित की और अब आवंटन को गलत बताकर राजस्व विभाग की ओर से नोटिस थमाए जा रहे हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 05:05 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 05:05 PM (IST)
उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने का दावा कर रही है।

जागरण संवाददाता, देहरादून : औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई के उद्यमियों का कहना है कि राज्य सरकार ने सेलाकुई में पहले नियमानुसार खुद उद्यमियों को पट्टे की भूमि आवंटित की और अब आवंटन को गलत बताकर राजस्व विभाग की ओर से नोटिस थमाए जा रहे हैं। विकासनगर के स्थानीय प्रशासन का तर्क है कि उद्यमियों को गलत ढंग से पट्टे की जमीन को फ्री होल्ड कर बेची गई, जबकि उद्यमियों ने लीज डीड को स्टाम्प ड्यूटी अदाकर रजिस्ट्री करवाई थी।

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उद्यमियों का कहना है कि एक ओर प्रदेश सरकार अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने का दावा कर रही है, दूसरी ओर पहले से स्थापित पुराने उद्योगों को सुविधा मुहैया करने के बजाय उजाडऩे की तैयारी में हैं। इससे न केवल उद्यमियों को करोड़ों की चपत लगेगी, रोजगार भी छिनेगा। इस संबंध में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री गणेश जोशी को पत्र भेज पूरी जानकारी दी जा चुकी है। अब मुख्यमंत्री के सामने भी इस मामले को उठाया जाएगा।

उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्‍यक्ष सुनील उनियाल का कहना है कि सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को नोटिस देने के मामले को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में लाया जा रहा है, क्योंकि उद्यमियों ने तत्कालीन नियमों के अनुसार भूखंडों को उद्योग स्थापित करने के लिए खरीदा। शासन की ओर से यह क्षेत्र अधिसूचित भी किया जा चुका है। अब स्थानीय प्रशासन की ओर से नोटिस जारी कर आवंटन गलत ठहराया जा रहा है, जो छलावा है। राज्य फूड प्रोससिंग इंडस्ट्रीज उत्तराखंड के संयोजक अनिल मारवाह का कहना है कि सरकार एक तरफ औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने की बात कर रही है, दूसरी ओर वर्षों पहले आवंटित औद्योगिक भूखंडों के आवंटन को रद करने के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। सेलाकुई के जिन 60 प्लांटों को 132ए के तहत नोटिस जारी किए गए हैं, वहां उद्योग लगे हैं। सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

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उत्तराखंड उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल का कहना है कि सेलाकुई में औद्योगिक भूमि आवंटन का मामला राजस्व विभाग व उद्यमियों के बीच मसला है। यह भूमि सिडकुल के तहत भी नहीं आती है। इस संबंध में उद्योग निदेशालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। उद्योग निदेशालय औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों को राज्य सरकार की ओर से बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाता है। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं व देय सब्सिडी का लाभ देता है।

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