सैन्य सुरक्षा जैसे विषयों से जुड़ेंगे इंजीनियरिंग के विद्यार्थी, इस विश्वविद्यालय ने शुरू किया फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम
प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग कालेजों में तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी सैन्य सुरक्षा जैसे विषयों की न केवल पढ़ाई करेंगे बल्कि सैन्य साजोसामान बनाने की दिशा में भी प्रशिक्षण लेंगे। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम शुरू कर दिया
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग कालेजों में तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी सैन्य सुरक्षा जैसे विषयों की न केवल पढ़ाई करेंगे, बल्कि सैन्य साजोसामान बनाने की दिशा में भी प्रशिक्षण लेंगे। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से इंक्यूबेशन एंड स्टार्टअप इन डिफेंस एप्लिकेशन विषय पर फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम शुरू कर दिया है। पहले चरण में तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण ले चुके हैं अब यही शिक्षक छात्रों को इस बारे में जानकारी देंगे।
विश्वविद्यालय की ओर से आर्मी डिजाइन ब्यूरो के साथ तीन महीने पहले एक एमओयू साइन हुआ है। एमओयू का उद्देश्य उत्तराखंड राज्य में तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को रक्षा के क्षेत्र में तकनीकी का प्रयोग कर स्टार्टअप और शोध कार्यों को बढ़ावा देना है। जिससे देश रक्षा के क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भर बन सकेगा। विवि के कुलसचिव आरपी गुप्ता कहते हैं कि उत्तराखंड तकनीकी विवि ने एआइसीटीई के साथ फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम कराए जाने के लिए जो करार किया है उसके तहत विभिन्न तकनीकी व व्यवसायिक विषयों पर सेमीनार आयोजित कराई जा रही हैं।
जिससे तकनीकी संस्थानों में कार्यरत शिक्षाविदों को नवीन तकनीकी में पारंगत किया जा सके, जिसके लिए विभिन्न विषयों से संबंधित अपने- अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जा रहा है, जो उत्तराखंड व अन्य राज्यों में स्थित तकनीकी संस्थानों के शिक्षाविदों का ज्ञानवर्धन करेंगे। उत्तराखंड के डिफेंस मैनुफैक्चरिंग समन्वयक कर्नल वीएस रावत ने कहा कि यह उत्तराखंड राज्य के अंदर पहली ऐसी पहल है जिसमें उत्तराखंड तकनीकी विवि की ओर से लिया गया एक अभूतपूर्व कदम है, जिसके फलस्वरूप राज्य को रक्षा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिलेगा।
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इसके लिए उन्होंने विवि के कुलपति व कुलसचिव की इस दिशा में किये प्रयासों की प्रसंशा भी की। विवि के कुलपति डा.पीपी ध्यानी ने कहा कि इस पूरे डेवलपमेंट कार्यक्रम में देशभर के 52 तकनीकी शिक्षण संस्थानों से 160 से ज्यादा तकनीकी शिक्षा से जुड़े शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप देशभर के हजारों विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा।
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