उत्तराखंड में 68 शत्रु संपत्ति का अता-पता नहीं, 69 का चला पता; जानें-किस जिले में कितनी संपत्तियां
शत्रु संपत्ति पर केंद्र के सख्त रुख के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। 69 ऐसी संपत्तियां खोज ली गई हैं जिन्हें सरकार में निहित किया जा चुका है।
By Edited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 09:14 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 04:03 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शत्रु संपत्ति पर केंद्र के सख्त रुख के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। 69 ऐसी संपत्तियां खोज ली गई हैं, जिन्हें सरकार में निहित किया जा चुका है। 68 संपत्तियों का पता नहीं लगा। केंद्र सरकार की मदद से इनका पता लगाया जाएगा। इन सभी संपत्तियों की कीमत करोड़ों में है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को इन संपत्तियों की जांच का काम प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में अब तक चिह्नित नहीं हो पाई शुत्र संपत्ति सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है, जो संपत्ति चिह्नित की गई हैं, उनमें अतिक्रमण या कब्जे को लेकर सरकार के पास जानकारी नहीं है। केंद्रीय गृह सचिव ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राजस्व सचिव सुशील कुमार को संपत्तियों के बारे में जल्द सूचनाएं केंद्र को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। केंद्र का फरमान मिलने के बाद सरकार यह जानकारी अब मुस्तैदी से जुटाएगी।
फिलवक्त पांच जिलों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल और अल्मोड़ा में 69 शत्रु संपत्तियों का पता चला है। ये सभी संपत्तियां शहरी क्षेत्रों में होने की वजह से इनका मूल्य कई सौ करोड़ बताया जा रहा है। देहरादून शहर, मसूरी, नैनीताल शहर और ऊधमसिंह नगर में किच्छा, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में भगवानपुर, ज्वालापुर समेत कई स्थानों पर इनके होने की जानकारी सरकार के पास है। राजस्व सचिव सुशील कुमार ने बताया कि इन संपत्तियों पर मौजूदा कब्जे या अतिक्रमण के बारे में सही जानकारी जुटाई जा रही है। इस बारे में जिलाधिकारियों को विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की टीम मौके पर जाकर संपत्तियों की जांच करेगी। अन्य 68 शत्रु संपत्तियों के बारे में सरकार के पास जानकारी नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार की मदद ली जाएगी।
जिलेवार चिह्नित शत्रु संपत्तियों की संख्या
हरिद्वार, 26
ऊधमसिंहनगर, 27
देहरादून, 06
नैनीताल, 06
अल्मोड़ा, 04।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें