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    जोगीवाला चौक से हटेगा अतिक्रमण, चार मीटर चौड़ा होगा यह चौक

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 21 Feb 2021 08:43 AM (IST)

    अब जिला प्रशासन ने जोगीवाला चौक से अतिक्रमण हटाने का मन बनाया है। प्रशासन की टीम ने चौक के दोनों तरफ 10 अतिक्रमण चिह्नित किए हैं। इसी के साथ अतिक्रमण पर लाल निशान भी लगा दिए गए हैं।

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    जोगीवाला चौक संकरा होने के कारण यहां हर वक्त जाम लगा रहता है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। जोगीवाला में शहर का एकमात्र ऐसा चौक है, जिसे चौड़ा करने की जगह उसे दो भागों में बांटकर बीच में डिवाइडर लगा दिए गए हैं। यह जानते हुए भी कि यह हरिद्वार की तरफ से आने वाले यात्रियों के लिए शहर का प्रवेश स्थल माना जाता है। इसी चौक पर उस यातायात का भी दारोमदार है, जिसे शहर में प्रवेश कराए बिना मसूरी के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। बावजूद इसके चौक को चौड़ा करना तो दूर सरकारी मशीनरी चौक को संकरा करने वाले अतिक्रमण को भी आज तक नहीं हटा पाई। हालांकि, अब जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का मन बनाया है। प्रशासन की टीम ने चौक के दोनों तरफ 10 अतिक्रमण चिह्नित किए हैं। इसी के साथ अतिक्रमण पर लाल निशान भी लगा दिए गए हैं।

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    तहसीलदार सदर दयाराम के मुताबिक, अतिक्रमण के चलते चौक की चौड़ाई दोनों छोर पर चार मीटर कम हो गई है। जैसे ही अतिक्रमण हटेगा चौक चौड़ा हो जाएगा। इसके बाद इसके बीच से डिवाइडर को हटाकर चौक के खोए हुए स्वरूप को वापस लाया जा सकता है। अतिक्रमण कब हटेगा, इस पर फिलहाल तहसील कार्मिक उच्चाधिकारियों के निर्देश पर इंतजार कर रहे हैं। फिर भी चौक के चौड़ा होने की उम्मीद जरूर जगी है।

    कोई योजना नहीं चढ़ी परवान

    जोगीवाला में लगने वाले जाम को देखते हुए चौक चौड़ीकरण से पहले यहां फ्लाईओवर बनाने की योजना पर भी काम किया गया था। वर्ष 2013 में शहर के अन्य फ्लाईओवर के साथ इसका भी शिलान्यास तत्कालीन बहुगुणा सरकार में किया गया था। धरातल पर काम शुरू करने के लिए खोदाई भी की गई थी। कई माह तक सड़क पर कार्यदायी संस्था ईपीआइएल के बोर्ड भी खड़े रहे और फिर एक दिन चुपचाप योजना पर विराम लगा दिया गया।

    40 करोड़ से ठिठके कदम, अब केंद्र का सहारा

    जोगीवाला चौक को अतिक्रमणमुक्त करने के बाद चौड़ीकरण में तो महज पांच करोड़ रुपये ही खर्च होंगे, मगर जिन दुकानों आदि को हटाया जाएगा, उनके अधिग्रहण पर करीब 35 करोड़ रुपये खर्च आ रहा है। लिहाजा, वर्ष 2019 में ही शासन ने इससे हाथ खींच लिए थे। अब राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने चौड़ीकरण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।  

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