खाली बसें और ड्राइवर-कंडक्टर सुनते हैं गाने... प्रबंध निदेशक की बैठक में खुली उत्तराखंड परिवहन निगम की पोल
भारी घाटे से उबारने के लिए प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने कड़ा रुख अपनाया है। समीक्षा बैठक में सामने आया कि चालक मनमाने ढंग से बसों का संचालन कर रहे हैं और परिचालक यात्रियों को आवाज लगाने के बजाय मोबाइल पर गाना सुन रहे हैं। इससे बसें खाली दौड़ रही हैं और डीजल की खपत भी बढ़ रही है। प्रबंध निदेशक ने ऐसे चालक-परिचालकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। इस वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में चल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम को बस चालक और परिचालक ही चपत लगा रहे हैं। चालक मनमानी कर निर्धारित के बजाए दूसरे मार्गों पर बस संचालन कर रहे हैं। परिचालक यात्रियों को आवाज लगाकर बस में बैठाने के बजाय कान में लीड या ब्लूटूथ लगाकर मोबाइल पर गाना सुन रहे हैं। इस कारण बसें खाली दौड़ रहीं हैं।
बसों का डीजल की खपत भी अधिक हो रही। निर्धारित बस अड्डों पर बसों को नहीं ले जाया जा रहा है। लगातार मिल रही शिकायतों पर निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने सोमवार को सभी मंडल एवं डिपो प्रबंधकों के साथ बैठक कर ऐसे
चालक व परिचालकों को चिह्नित करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी चालक एवं परिचालक बाज नहीं आते तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई को कहा गया।
परिवहन निगम मुख्यालय में प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने प्रदेश के सभी मंडलों व डिपो की आय, व्यय समेत डीजल खपत की समीक्षा बैठक ली तो यह सच सामने आया। विभिन्न शिकायतों के आधार पर प्रबंध निदेशक ने पाया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब समेत हरियाणा परिवहन की बसों के चालक व परिचालक यात्रियों को बुला-बुलाकर बसों में बैठाते हैं, जबकि उत्तराखंड परिवहन निगम के कई चालक एवं परिचालक यात्रियों को बैठाने के बजाए खाली बसें दौड़ाते हैं।
परिचालक मोबाइल पर सुनते हैं गाने
समीक्षा में यह भी पाया गया कि परिचालक अपने मोबाइल फोन पर गाना सुनते रहते हैं। यात्री बस स्टाप पर खड़े हो बसों को रुकने का इशारा करते हैं, लेकिन चालक बस नहीं रोकते। प्रबंध निदेशक ने सभी मंडल व डिपो प्रबंधक को निर्देश दिया कि बसें निर्धारित मार्गों पर चलें और निर्धारित अड्डे या बस स्टाप पर हर हाल में रुकें। परिचालक स्टाप पर यात्रियों को बुलाकर बैठाएं। इसके लिए परिचालकों की काउंसिलिंग कराई जाएगी। चेतावनी दी गई कि अगर भविष्य में शिकायत आई तो चालक-परिचालक व डिपो अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
तकनीकी पहलुओं पर चर्चा
डीजल औसत को बढ़ाने के लिए बसों के रखरखाव एवं तकनीकी पहलुओं पर भी चर्चा की गई। प्रबंध निदेशक ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बसों के रखरखाव पर विशेष ध्यान दें एवं तकनीकी खराबी को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि बसों की नियमित जांच व तकनीकी सुधार से ही डीजल औसत में सुधार होगा। बसें खाली दौड़ाने वाले और कम डीजल औसत देने वाले चालक-परिचालकों समेत अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
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समीक्षा में सामने आई शिकायतें
- कुछ परिचालक अपनी सीट के आगे लगी लोहे की राड पर पैर रखे रहते हैं, जोकि अशोभनीय है।
- बस में सीट खाली होने पर भी छात्रा या वरिष्ठ जनों को बैठाया नहीं जाता, जबकि इन्हें राज्य की सीमा में सरकार की ओर से निश्शुल्क यात्रा का अधिकार प्राप्त है।
- दून से दिल्ली जाने वाली बसों को रुड़की होकर जाना अनिवार्य है, पर कुछ बसें दूसरे मार्गों से जा रहीं। इसके चलते यात्री इंतजार करते रहते हैं।
- दून से हल्द्वानी, नैनीताल, टनकपुर, काशीपुर, रामनगर जाने व आने वाली कईं बसें हरिद्वार अड्डे पर नहीं जा रहीं।
- दून से हरिद्वार मार्ग पर जा रहीं बसों को कारगी, रिस्पना पुल, हर्रावाला, डोईवाला और भानियावाला तिराहे पर यात्री के इशारा देने के बावजूद नहीं रोका जा रहा।
- टनकपुर व नैनीताल मंडल की पंजाब, चंडीगढ़ व हिमाचल जाने वाली अधिकांश बसें नजीबाबाद, हरिद्वार, रुड़की, सहारनपुर, यमुनानगर, जगाधरी, अंबाला आदि स्टेशन पर नहीं रुक रहीं।
- टनकपुर व नैनीताल मंडल की दिल्ली जाने वाली बसें उत्तर प्रदेश के प्रमुख बस स्टेशनों पर नहीं रुक रहीं।
बैठक में मुख्य रूप से यात्रियों के लोड फैक्टर एवं डीजल औसत पर चर्चा की गई। सभी अधिकारियों को लोड फैक्टर को बढ़ाने एवं डीजल औसत में सुधार लाने को कहा गया है। यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने व बसों का संचालन सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। बसों के समय पर संचालन एवं यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने से लोड फैक्टर में वृद्धि होगी। रीना जोशी, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड परिवहन निगम
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