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उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ न मिलने पर भड़के कर्मचारी

अटल आयुष्मान और यू-हेल्थ कार्ड योजना का लाभ न मिलने से राज्य कर्मचारियों आक्रोशित हैं। इसे लेकर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 09:43 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 09:43 AM (IST)
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ न मिलने पर भड़के कर्मचारी
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ न मिलने पर भड़के कर्मचारी

देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान और यू-हेल्थ कार्ड योजना का लाभ न मिलने से राज्य कर्मचारियों आक्रोशित हैं। परिषद ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ न मिलने से गंभीर बीमारी से ग्रस्त कर्मचारी और पेंशनर्स परेशान हैं। कर्मचारी अंशदान देने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन सरकार कोई कदम नहीं नही उठा रही है। 

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विकास भवन में आयोजित परिषद की बैठक में संगठन के नेता ठाकुर प्रह्लाद सिंह ने कहा कि राज्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ न मिलना उनके साथ अन्याय है। कर्मचारियों के लिए पहले सरकार ने यू-हेल्थ कार्ड योजना लागू की और इसके बाद अटल आयुष्मान योजना। इस योजना में कर्मचारियों अंशदान देने के लिए भी तैयार हैं,लेकिन अब तक सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया हैं। जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिक्कतें उठानी पड़ रही है। 

उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए। बैठक में प्रदीप कोहली, नंद किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, राकेश प्रसाद ममगाईं, गिरिजा नंदन सेमवाल, गुड्डी मटूड़ा, चौधरी ओमवीर सिंह, आरएस बिष्ट समेत कई अन्य उपस्थित रहे। 

नियमित वेतन नहीं मिला तो परिषद करेगी घेराव 

परिषद ने कहा कि राज्य में वेतन भुगतान के लिए आइएफएमएस सॉफ्टवेयर लागू किया है। तीन माह बाद भी सॉफ्टवेयर का सही से संचालन नहीं हो पा रहा है, जिससे कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस माह से जिस भी विभाग में समय पर वेतन भुगतान नहीं होगा, उस विभाग प्रमुख का परिषद घेराव करेगी। 

वेतन न मिलने से कर्मचारियों में आक्रोश

स्वास्थ्य विभाग में उपनल, संविदा व पीआरडी के अंतर्गत कार्य कर रहे कर्मचारियों ने पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने जल्द समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

उन्होंने इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून, सभी जिला चिकित्सालयों, उप चिकित्सालय, सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य चिकित्सा इकाइयों को अवगत कराकर समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग की है। कर्मचारियों ने बताया कि वह पूरी ईमानदारी से अपना दायित्व निभा रहे हैं, लेकिन वेतन न मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो रहा है। 

वहीं विभाग इस ओर कोई सुध नहीं ले रहा। इस मामले में राज्य सरकार को भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस दौरान हेमंत सिंह रावत, अनिल गैरोला, वीरेंद्र सिंह, शिरोमणि पांथरी, चंद्रप्रकाश, दीपक कनौजिया, प्रदीप मौर्य, कैलाश पाल, दीपा नेगी आदि मौजूद रहे।

पीएम मोदी को भेजे 717 पत्र

आपातकालीन सेवा 108 के पूर्व कर्मचारियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजे। अपनी-अपनी समस्या को बताते हुए सभी 717 कर्मचारियों ने पत्र स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजे हैं। 

विदित हो कि नई कंपनी को ठेका दिए जाने और खुद को हटाए जाने से आक्रोशित कर्मचारी 30 अप्रैल से परेड मैदान में धरना दे रहे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें पहले जितना वेतन मिले और तैनाती भी उसी स्थान पर मिले जहां वे पहले तैनात थे। उनकी इन मांगों को तमाम दल और नेता अपना समर्थन दे चुके हैं। 

एक दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी कर्मचारियों को भरोसा दिला चुके हैं कि वे इस मुद्दे को कैबिनेट की बैठक में उठाएंगे। इसके अलावा कर्मचारियों की शासन स्तर पर भी कई बार वार्ता हो चुकी है। आंदोलनरत कर्मचारियों को जल्द समाधान का भरोसा दिया, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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