एक मंच पर आएं रोडवेज की सभी यूनियनें और रोडवेज को सुधारने के करें संयुक्त प्रयास
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि रोडवेज में सभी संगठन एक मंच पर आएं और रोडवेज को सुधारने के संयुक्त प्रयास करें।
देहरादून, जेएनएन। रोडवेज में आए दिन कर्मचारी यूनियनों की ओर से दी जाने वाले हड़ताल और आंदोलन करने की चेतावनी या दबाव बनाने की आदत से परिवहन मंत्री यशपाल आर्य भी त्रस्त नजर आ रहे हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि अगर रोडवेज में एक या दो यूनियनें होती तब भी स्थिति संभाल ली जाती, लेकिन रोडवेज में तो आठ से दस यूनियनें बनी हुई हैं। ऐसे में किस-किस की समस्या या मांगों का निदान करें। ऐसा तभी संभव है, जब सभी संगठन एक मंच पर आएं और रोडवेज को सुधारने के संयुक्त प्रयास करें।
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य शनिवार को झाझरा में एक सामाजिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। कार्यक्रम समाप्त होने पर उनसे रोडवेज के कर्मचारी संगठनों की ओर से आए दिन हड़ताल की चेतावनी या बसों का चक्का-जाम जैसी चेतावनी पर मीडियाकर्मियों ने सवाल पूछे। आर्य ने कहा कि एक समय में रोडवेज में केवल एक-दो यूनियनें होती थीं। कर्मचारियों से जुड़े सभी मामलों पर कर्मचारी नेता एकजुट हो प्रदर्शन या आंदोलन करते थे। वे ये भी ध्यान रखते थे कि सरकार, रोडवेज या आम जनता को आर्थिक हानि न हो। लेकिन आज ऐसा दौर है जब रोडवेज में आठ से दस यूनियनें बन गई हैं।
हर यूनियन अलग-अलग मांगों को लेकर आंदोलन के लिए आगे आ जाती है। कोई नियमित चालक-परिचालकों को लेकर लड़ाई लड़ रही, कोई विशेष श्रेणी, संविदा को लेकर। यही नहीं कार्यशाला व आफिसों की यूनियनें भी अलग-अलग हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि इन हालात में कैसे कर्मियों का भला हो सकता है। कर्मचारियों को तब लाभ होगा, जब विभाग फायदे में होगा।
रोडवेज करोड़ों के घाटे में चल रहा, मगर कर्मचारी संगठन कुछ व्यक्तिगत मामलों को लेकर भी आंदोलन जैसा एलान कर देते हैं। इनके आएदिन के आंदोलन से रोडवेज की ही नहीं बल्कि सूबे की पर्यटन छवि पर भी बुरा असर पड़ता है। परिवहन मंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रोडवेज यूनियनों को एक मंच पर लाएं।
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