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    Rajaji National Park में पर्यटकों के लिए रोमांच का सफर, शुरू होगी हाथी सफारी

    By Vikas gusainEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sun, 16 Apr 2023 07:58 AM (IST)

    Elephant Safari वन मुख्यालय के मंथन सभागार में वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन रिजर्व की शासी निकाय की नौवीं बैठक हुई। टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन फार सीटीआर की शासी निकाय की बैठक में इस पर सहमति बनी है।

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    Elephant Safari: राजाजी पार्क में भी जल्द हाथी सफारी शुरू की जाएगी।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: Elephant Safari: राजाजी पार्क में भी जल्द हाथी सफारी शुरू की जाएगी। टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन फार सीटीआर की शासी निकाय की बैठक में इस पर सहमति बनी है। यह भी निर्णय लिया गया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ाने के लिए वन मोटर मार्ग व संचार व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा।

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    वन मुख्यालय के मंथन सभागार में वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन रिजर्व की शासी निकाय की नौवीं बैठक हुई। बैठक में उपस्थित विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं की प्रभावी रोकथाम व पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देेने के लिए सुझाव दिए गए।

    विजरानी जोन में इस तरह की घटनाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में मैदावन की ओर से पार्क के गेट खोलने से क्षेत्रीय संतुलन की बात भी उपस्थित सदस्यों ने उठाई। इस दौरान कार्बेट टाइगर रिजर्व में किए जाने वाले कार्यों से वन्यजीव व स्थानीय ग्रामीणों को होने वाले लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई।

    बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने वर्चुअल हिस्सा लिया। इस दौरान विधायक रामनगर दीवान सिंह, विधायक सल्ट महेश जीना, विधायक लैंसडौन दलीप सिंह रावत सचिव वन विजय कुमार यादव, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा व निदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व नैनीताल धीरज पांडेय आदि उपस्थित थे।

    चैनल फेंसिंग से सुरक्षित होंगे राजाजी पार्क के वन्य जीव

    राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) के वन्य जीवों की चिंता करते हुए रेलवे ने हरिद्वार से देहरादून के बीच पड़ने वाले आरटीआर के 16 किलोमीटर क्षेत्र में चैनल फेंसिंग की योजना बनाई है। इससे एक तरफ ट्रैक पर होने वाले हादसे रुकेंगे वहीं आबादी क्षेत्र की तरफ वन्य जीवों का आवागमन भी रोका जा सकेगा। शनिवार को रेलवे और राजाजी टाइगर रिजर्व की संयुक्त टीम ने मोतीचूर क्षेत्र का सर्वे किया।

    हरिद्वार रेंज में पहले ही सर्वे कार्य पूरा हो चुका है, जबकि कांसरो में सोमवार को होना है। मोतीचूर की रेंज अधिकारी आलोकी ने बताया कि रेल ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से वन्यजीवों की मौत को रोकने के लिए रेलवे और वन विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। इसके तहत रेलवे की ओर से ट्रैक के किनारे छह फीट ऊंची चैनल फैंसिंग व झाड़ियों का कटान किया जाना है। यात्रियों की ओर बचा हुआ खाना ट्रैक पर फेंक दिया जाता है।

    आबादी के आसपास कूड़ा कचरा व बचा हुआ खाना जंगल के किनारे फेंका जा रहा है। जिसकी रोकथाम के लिए श्रमदान व जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। चैनल फेंसिंग होने से से वैदिक नगर गांव की तरफ गुलदार वह दूसरे जानवरों की आवाजाही पर रोक लग सकेगी। टीम में शामिल रेलवे के इंजीनियर अभेष शर्मा के मुताबिक रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को प्रेषित की जा रही है।

    करीब दस किमी क्षेत्र बेहद संवेदनशील

    हरिद्वार-दून रेल ट्रैक पर मोतीचूर से लेकर कांसरो तक का करीब दस किमी क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। परंपरागत गलियारा होने की वजह से यहां वन्य जीवों की आवाजाही अधिक है। लेकिन, उनकी इस स्वच्छंद आवाजाही में रेल ट्रैक सबसे बड़ी बाधा है। ऐसे में कई बार हादसे भी हो जाते हैं।

    15 अक्टूबर 2016 को रायवाला के पास ट्रेन से टकराकर एक मादा हाथी की मौत हो गई थी। जबकि, 17 फरवरी 2018 को एक शिशु हाथी और 20 मार्च को इस ट्रैक पर मादा हाथी की मौत हुई। नौ मार्च 2018 को रायवाला के पास एक हाथी जख्मी हुआ।

    पार्क बनने से लेकर अब तक इस ट्रैक पर 29 हाथियों की मौत ट्रेन से टकराने के कारण हुई। गुलदार, हिरण व दूसरे छोटे जानवर आए दिन ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से मारे जाते हैं। कई बार तो पार्क प्रशासन ऐसे हादसों को छिपा देता है। आरटीआर के निदेशक डा. साकेत बडोला के मुताबिक चैनल फेंसिंग की व्यवस्था होने से निश्चित तौर पर ट्रैक पर हादसों में कमी आएगी।