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लच्छीवाला में ट्रेन की टक्कर से 15 फीट गहरे खड्ड में गिरा हाथी का बच्चा, मौत

देहरादून से नई दिल्ली जा रही देहरादून-नई दिल्ली जनशताब्दी एक्सप्रेस की चपेट में आकर एक हाथी के दो साल के बच्चे की मौत हो गई!

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 12:46 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 05:32 PM (IST)
लच्छीवाला में ट्रेन की टक्कर से 15 फीट गहरे खड्ड में गिरा हाथी का बच्चा, मौत

देहरादून, जेएनएन। देहरादून-हरिद्वार रेलवे ट्रैक हाथियों का काल बना हुआ है। सोमवार सुबह लच्छीवाला रेंज में नकरौंदा-गुलरघाटी के जीरो प्वाइंट पर ट्रेन की टक्कर लगने से हाथी के शिशु की मौत हो गई। रेलवे ट्रैक को क्रॉस करते वक्त एक दो साल का हाथी का शिशु ट्रेन की चपेट में आ गया। ट्रेन से टकराकर शिशु 15 फ़ीट गहरे खड्ड में जा गिरा, जहां उसकी मौत हो गई। यह रेलवे ट्रैक पर पिछले तीन साल में पांचवीं घटना है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर हाथी के शव को ले गई।

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घटना सोमवार तड़के सुबह करीब साढ़े पांच बजे की है। हाथियों का एक झुंड शिशु हाथी के साथ रेल ट्रेक को पार कर रहा था। लच्छीवाला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि हाथी के बच्चे की उम्र करीब दो साल है। सोमवार को एक हथनी और एक हाथी अपने बच्चे के साथ रेलवे ट्रेक से गुजर रहे थे। इसी दौरान ट्रेन के वहां से गुजरने के दौरान हाथी के बच्चे को टक्कर लग गई। जिससे वह करीब 15 फीट गहरे नाले में गिर गया। जहां उसके शरीर में अंदरुनी चोटें लग गई। हाथी के शिशु के शरीर पर बाहर से तो ज्यादा चोट नहीं लगी, लेकिन अंदरूनी हिस्सों में गहरी चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई। 

मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी के शिशु को नाले से बाहर निकाल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से एक हथनी अपने बच्चे के साथ इलाके में घूम रही थी। सोमवार को भी आबादी वाले इलाके में हथनी और उसके बच्चे के पैर के निशान देखे गए। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में रातभर गश्त की जा रही है, लेकिन सुबह के समय ट्रेन की आवाजाही के दौरान ही हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक क्रॉस कर रहा था, जिससे हादसा हुआ।

राजाजी पार्क में आपसी संघर्ष में जख्मी नर हाथी खाई में गिरा, मौत

राजाजी टाइगर रिजर्व के  रवासन सेंटर के अंतर्गत लोनी स्रोत में आपसी संघर्ष में जख्मी एक नर हाथी गिर पड़ा। जिससे उसकी मौत हो गई। गौरतलब है कि बीती चार जुलाई को यमकेश्वर प्रखंड के धारकोट क्षेत्र में खाई में एक हाथी का शव पड़ा है। जांच करने पर पता चला कि राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के रवासन सेंटर के अंतर्गत लोनी स्रोत में यह शव पड़ा है। अगले दिनपार्क निदेशक एके वर्मा, वार्डन एलपी टम्टा, रेंज अधिकारी प्रमोद ध्यानी मौके पर पहुंचे। शव का कुछ हिस्सा जानवरों ने खा लिया था।

पार्क निदेशक ने बताया कि वर्तमान में हाथियों का मस्त काल चल रहा है। खाई के ऊपरी क्षेत्र में काफी जगह खून बिखरा हुआ है। वहां संघर्ष के भी निशान हैं। आपसी संघर्ष में किसी अन्य हाथी के द्वारा इस नर हाथी को जख्मी किया गया। जिसके बाद वह खाई में नीचे गिर गया। उन्होंने बताया कि शव के पास बाघ व अन्य जंगली जानवरों के पैरों के निशान मिले हैं। नर हाथी पूरी तरह से व्यस्क है जो वृद्धावस्था की ओर बढ़ रहा था। चिकित्सकों की टीम मौके पर बुलाकर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। जिसके बाद शव को मौके पर ही दफन कर दिया गया।

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