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गर्मी के बढ़ते पारे के साथ इस साल खूब रुलाएगी बिजली

इस गर्मी बिजली लोगों को खूब रुलाएगी। अभी से बिजली कटौती शुरू हो गर्इ है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में करीब डेढ़ से दो घंटे कटौती करनी पड़ी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 06 Apr 2018 02:23 PM (IST)Updated: Sun, 08 Apr 2018 02:24 PM (IST)
गर्मी के बढ़ते पारे के साथ इस साल खूब रुलाएगी बिजली
गर्मी के बढ़ते पारे के साथ इस साल खूब रुलाएगी बिजली

देहरादून, [जेएनएन]: सर्दियां तो सुकून से कट गईं, लेकिन गर्मियों में बिजली संकट से पार पाना चुनौती होगी। क्योंकि, अभी तो पारे ने थोड़े ही तेवर दिखाए हैं और रोस्टिंग यानी बिजली कटौती की नौबत आने लगी है। बुधवार को हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में डेढ़ से दो घंटे कटौती करनी पड़ी। कारण, बाजार से जो बिजली खरीदी थी, वह नहीं मिल पाई और जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पादन भी नहीं बढ़ा है। इसका बड़ा कारण सर्दियों में बर्फबारी कम होना है। 

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सर्दियों में जहां सूबे की बिजली की मांग 34 से 35 मिलियन यूनिट थी, वह बढ़कर अब 37 मिलियन यूनिट प्रतिदिन से अधिक हो गई है। वहीं, जल विद्युत परियोजनाओं से हिमाचल का शेयर काटने के बाद सात से आठ मिलियन यूनिट बिजली ही उत्तराखंड को मिल रही है। शेष बिजली का इंतजाम केंद्रीय पूल और बाजार के भरोसे है। 

बिजली संकट को दूर करने के लिए डेढ़ साल पहले तीन गैस आधारित परियोजनाओं से लंबी अवधि का करार हुआ था। लेकिन, गत दिसंबर से उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) यहां से बिजली नहीं ले रहा। इसके पीछे कारण ये बताया जा रहा है कि बाजार में गैस के दाम बढ़ने से इससे उत्पादित बिजली की दर आठ रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा हो गई है। जबकि, करार करीब साढ़े चार रुपये प्रतियूनिट की दर पर हुआ था। गर्मियों में बिजली संकट की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए यूपीसीएल की ओर से अभी कोई खास तैयारी भी नहीं की गई है। 

यूपीसीएल के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह का कहना है कि गर्मियों में बिजली की कमी नहीं होगी। राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी। बुधवार को तकनीकी कारणों से रोस्टिंग करनी पड़ी।

पिछले साल सरप्लस थी बिजली 

गैस परियोजना से मिलने वाली बिजली के बूते ही पिछले साल गर्मियों में सरप्लस स्थिति थी। इसलिए पंजाब को बैंकिंग के माध्यम से बिजली दी गई थी और सर्दियों में उत्तराखंड को 11 फीसद अधिक बिजली पंजाब ने लौटाई। इस मर्तबा यूपीसीएल बैंकिंग को लेकर फैसला नहीं ले सका है। 

वर्ष,                            2015-16,        2016-17,    2017-18 

कुल खपत,                  12605,           12634,      12227 मिलियन यूनिट 

यूजेवीएनएल से प्राप्त,   4453.65,         3939,       4210 मिलियन यूनिट 

शेष, सेंट्रल पूल, बाजार, बैंकिंग आदि से। 

(वर्ष 2017-18 के आंकड़े अप्रैल से फरवरी माह तक के हैं) 

बिजली मांग और उपलब्धता की वर्तमान तस्वीर (चार अप्रैल) 

बिजली मांग, 37.05 एमयू 

यूजेवीएनएल, सात एमयू 

केंद्रीय पूल, 13.83 

बैंकिंग,       0.41 

बाजार,      11.56 

शेष, सौर ऊर्जा व अन्य स्रोत 

कुल उपलब्धता, 35.84 

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