Move to Jagran APP

ऊर्जा कार्मिकों के लिए महंगी होगी बिजली, सीमा भी होगी तय

ऊर्जा कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली के मासिक शुल्क में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी किए जाने और बिजली की सीमा निर्धारित करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 08:29 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 08:15 PM (IST)
ऊर्जा कार्मिकों के लिए महंगी होगी बिजली, सीमा भी होगी तय
ऊर्जा कार्मिकों के लिए महंगी होगी बिजली, सीमा भी होगी तय

देहरादून, जेएनएन। हाईकोर्ट में चल रहे कर्मियों को दी जाने वाली बिजली के मामले में ऊर्जा के तीनों निगमों के अधिकारी और कर्मचारी संगठनों की वार्ता हुई। कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली के मासिक शुल्क में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी किए जाने और बिजली की सीमा निर्धारित करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है, हालांकि यह सीमा कितनी होगी इसको लेकर अभी भी विरोध बरकरार है। 

prime article banner

मंगलवार को यूपीसीएल के कांवली रोड स्थित मुख्यालय में यूपीसीएल एमडी बीसीके मिश्रा और पिटकुल एमडी संदीप सिंघल की कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता हुई। ऊर्जा कर्मियों को मिलने वाली सस्ती बिजली को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका को लेकर इस दौरान मंथन किया गया। सभी कर्मचारी संगठनों ने एक सुर में प्रबंधन के सुझाए उप्र के फार्मूला को मानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने 2009 से उपभोक्ताओं के लिए बढ़ाए बिजली के दामों के अनुसार शुल्क बढ़ाने का समर्थन किया। इसके बाद क्लास वन से चतुर्थ श्रेणी तक के मासिक शुल्क में 50 फीसदी तक वृद्धि किए जाने पर सहमति बनी।

फिर कार्मिकों को असीमित मिलने वाली बिजली पर कैपिंग सीमा तय करने पर मंथन हुआ। इस पर कई कर्मचारी बिफर गए। उनका कहना था कि कई केंद्रीय व राजकीय विभाग अपने स्टाफ को सुविधा प्रदान करते हैं। ऐसे में उनकी यह सुविधा खत्म नहीं की जानी चाहिए। इसको लेकर काफी देर तक माथापच्ची हुई। अंत में तय हुआ कि एमडी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मी के लिए दी जाने वाली बिजली की सीमा तय की जाएगी। इसमें कई कर्मचारियों ने एमडी से चतुर्थ श्रेणी तक सभी को 1000 यूनिट प्रति माह करने की पैरवी। किसी संगठन ने क्लास वन के लिए 15 हजार यूनिट प्रतिवर्ष, क्लास टू को 14 हजार, क्लास थ्री के लिए 12 हजार और क्लास फोर के लिए 11 हजार यूनिट प्रति वर्ष बिजली देने का प्रस्ताव रखा।  इस सीमा से ज्यादा जो बिजली का उपयोग करेगा उसको करीब तीन रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज देना होगा। हालांकि कर्मियों को प्रति माह दिए जाने वाली यूनिट पर सहमति नहीं बन सकी। 

अब ऊर्जा के तीनों निगमों के प्रबंध निदेशक, निदेशक मंडल की बैठक के बाद सीमा निर्धारित की जाएगी। बैठक में प्रबंधन की ओर से पुरुषोत्तम सिंह, पंकज कुमार, राजेंद्र सिंह, आशीष कुमार, अमिताभ मैत्रेय, पीसी ध्यानी, जेएमएस रौथाण, कर्मचारी संगठनों की तरफ से इंसरार उल हक, डीसी गुुरुरानी, युद्धवीर सिंह तोमर, जीएन कोठियाल, रवींद्र सैनी, राकेश शर्मा, प्रदीप कंसल, अनिल उनियाल, डीसी ध्यानी, चित्र सिंह, केहर सिंह, भगवती प्रसाद, दीपक बेनीवाल, सुनील मोगा, विनोद कवि, एके मिश्रा आदि मौजूद थे।  

बैठक में ये कर्मचारी संगठन हुए शामिल

ऊर्जा कामगार संगठन, ऊर्जा आफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन, बिजली कर्मचारी संघ, पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन, पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन, हाइड्रो इलेक्ट्रिक इंप्लाइज यूनियन, डिप्लोमा जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन, पावर लेखा एसोसिएशन, विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन, विद्युत प्राविधिक संघ, आरक्षित ऊर्जा एसोसिएशन, विद्युत पेंशनर्स परिषद के पदाधिकारी शामिल हुए। 

बैठक में जमकर हुआ हंगामा 

प्रबंधन और कर्मचारी संगठनों के बीच हुई बैठक में जमकर हंगामा भी हुआ। कर्मियों ने बैठक में पेयजल का इंतजाम नहीं किए जाने से लेकर अन्य मुद्दों पर हंगामा किया। सूत्रों की माने तो कईयों ने अभद्र भाषा का भी उपयोग किया। वहीं मेज बजाकर प्रबंध निदेशक कुर्सी छोड़ो के नारे तक लगाए गए। 

मीडिया को कवरेज से किया मना

प्रबंधन और कर्मचारी संगठन की बैठक में हंगामा हो रहा था। सारी हदें पार हो रही थीं, जब इसकी पोल खुलती दिखाई दी तो एक पूर्व कर्मचारी नेता और वर्तमान में एक डिविजन में तैनात अधिकारी ने मीडिया को कवरेज करने से रोक दिया। 

हाई कोर्ट लेगा फैसला

बेशक कर्मियों को दी जाने वाली बिजली के लिए मासिक शुल्क बढ़ाने और सीमा तय करने पर सहमति बनी है, लेकिन इसका फैसला हाई कोर्ट ही करेगा। प्रबंधन की कार्रवाई को हाई कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा, इसके बाद ही कोई फैसला हो सकेगा।

यह भी पढ़ें: अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड से करें बिजली बिल का भुगतान, पढ़िए पूरी खबर

कर्मचारी संगठन आमने सामने

अधिकारी-कर्मी, पेंशनर्स को दी हर माह दी जाने वाली बिजली की सीमा निर्धारित करने में कर्मचारी संगठन आमने-सामने आ गए हैं। कोई संगठन सबको एक समान तो कोई संगठन श्रेणी के अनुसार सीमा निर्धारण की मांग कर रहा है। 

बीसीके मिश्र (प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड) का कहना है कि कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता हो गई है। ऊर्जा निगम के स्टाफ का टैरिफ बढ़ाने और कैपिंग पर सहमति बनी है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: उपभोक्ता के टैरिफ की तरह बढ़ाएं स्टाफ का मासिक चार्ज, पढ़िए पूरी खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.