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    मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली चोरी का चल रहा था ऐसा खेल, ऊर्जा निगम की टीम रह गई दंग

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 04:52 PM (IST)

    हरिद्वार और रुड़की में बिजली चोरी का मामला सामने आया है। एक स्टील फर्नेस फैक्ट्री में मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करने की कोशिश की गई। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कुछ संदिग्धों को पकड़ा और मीटर को जांच के लिए भेजा। इस मामले में निगम कर्मियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है जिसकी जांच की जा रही है।

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    रुड़की में बिजली चोरी का खेल. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून । ऊर्जा निगम की तमाम सख्तियों और दावों के बावजूद रुड़की में बिजली चोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी आम हो चुकी है।

    वहीं औद्योगिक इकाइयों में भी बड़े पैमाने पर बिजली चोरी किए जाने की आशंका अब खुलकर सामने आ रही है। ताजा मामला एक स्टील फर्नेस फैक्ट्री से जुड़ा है, जहां मीटर में छेड़छाड़ कर डायरेक्ट बिजली आपूर्ति लेने का प्रयास किया जा रहा था। इसमें ऊर्जा निगम के कार्मिकों की मिलीभगत की भी आशंका है।

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    मंगलवार तड़के करीब चार बजे ऊर्जा निगम के अधिकारियों को सूचना मिली कि गुरुकुल नारसन विद्युत उपसंस्थान के आसपास कुछ संदिग्ध युवक घूम रहे हैं। अधिशासी अभियंता गुलशन बलानी, विद्युत प्रशिक्षणशाला के अधिशासी अभियंता रविंद्र कुमार, सहायक अभियंता रजनीश सैनी, एसडीओ अनुभव सैनी और अभियंता अभिषेक कुमार, आदित्य टंडन व सुधीर कुमार की टीम मौके पर पहुंची और चार युवकों को संदिग्ध परिस्थितियों में पकड़ लिया।

    पूछताछ में युवकों ने गोलमोल जवाब दिए, लेकिन प्राथमिक जांच में साफ हुआ कि वे एक स्टील फर्नेस कंपनी के मीटर से छेड़छाड़ कर रहे थे। इसके बाद निगम की टीम ने फर्नेस के दोनों मीटर उतारकर जांच के लिए लैब भेज दिए। साथ ही पकड़े गए युवकों को पुलिस के सुपुर्द कर मामले में तहरीर दे दी गई है।

    पुलिस की ओर से मुदकमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कही जा रही है। रुड़की की ऐसी अन्य औद्योगिक इकाइयां भी जांच के दायरे में हैं। ऊर्जा निगम के विद्युत वितरण खंड और विजिलेंस सेल जल्द संयुक्त अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं।

    निगम कर्मियों की मिलीभगत से ही संभव

    एसडीओ अनुभव सैनी ने माना कि इतनी बड़ी हेराफेरी ऊर्जा निगम कर्मियों की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है। आरोप है कि रात के समय औद्योगिक इकाइयां मीटर से छेड़छाड़ कर सीधे बिजली की सप्लाई लेती हैं और निगम को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाती हैं। ऊर्जा निगम के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने मामले की जानकारी संबंधित अधिकारियों से मांगी है और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।