Electricity Crisis : उत्तराखंड में मौसम के करवट बदलने से पर्वतीय जिलों में खपत घटी, रविवार को कटौती से राहत के आसार
पिछले कुछ सप्ताह से प्रदेश बिजली की किल्लत झेल रहा है। भीषण गर्मी के बीच लगातार बढ़ती मांग से आपूर्ति चरमरा गई है। मौसम के करवट लेने से पर्वतीय जिलों में बिजली की मांग में मामूली गिरावट आने से ऊर्जा निगम ने भी राहत की सांस ली है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Electricity Crisis in Uttarakhand :उत्तराखंड में बिजली संकट के बीच राहत की खबर है। आज प्रदेश में बिजली कटौती से राहत मिलने के आसार हैं। मौसम के करवट लेने से पर्वतीय जिलों में बिजली की मांग में मामूली गिरावट आने से ऊर्जा निगम ने भी राहत की सांस ली है। मांग के सापेक्ष रविवार के लिए पर्याप्त बिजली का इंतजाम कर लिया गया है। ऐसे में उम्मीद है कि ऊर्जा निगम कहीं भी कटौती नहीं करेगा।
बढ़ती मांग से आपूर्ति चरमराई
पिछले कुछ सप्ताह से प्रदेश बिजली की किल्लत झेल रहा है। भीषण गर्मी के बीच लगातार बढ़ती मांग से आपूर्ति चरमरा गई है। ऊर्जा निगम राष्ट्रीय बाजार से बिजली खरीद के प्रयास तो कर रहा है, लेकिन पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में नियमित कटौती की जा रही है। अब कई दिनों बाद ऊर्जा निगम को राहत मिली है। रविवार के लिए निगम ने पर्याप्त बिजली प्राप्त कर ली है।
प्रदेश में अनुमानित मांग 1875 मेगावाट (45 मिलियन यूनिट) के सापेक्ष निगम ने 1333 मेगावाट (32 मिलियन यूनिट) उपलब्धता के बाद 583 मेगावाट (14 मिलियन यूनिट) बिजली खरीद ली है। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि देशभर में बिजली का संकट बना हुआ है। ऐसे में राष्ट्रीय बाजार से बिजली बेहद मंहगी मिल रही है। मांग के सापेक्ष बिजली खरीद ली गई, ऐसे में संभवत: रविवार को कोई कटौती नहीं की जाएगी।
रविवार को बिजली की अनुमानित स्थिति
प्रदेश में अनुमानित मांग- 1875 मेगावाट
राज्य की परियोजनाओं से उत्पादन और केंद्रीय पूल से कुल उपलब्धता- 1333 मेगावाट
कुल कमी- 542 मेगवाट
बाजार से की गई खरीद- 583 मेगावाट
मुख्यमंत्री ने विद्युत व्यवस्था जल्द पटरी पर आने की जताई उम्मीद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया को अवगत कराया कि बिजली संकट से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैंं। बाजार से बिजली खरीद के साथ ही वितरण व्यवस्था में भी सुधार लाया जा रहा है। उम्मीद है जल्द ही स्थिति सामान्य होगी। सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेशवासियों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाए।
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