Updated: Wed, 04 Jun 2025 08:36 PM (IST)
देहरादून में ईद-उल-अजहा शनिवार को मनाई जाएगी जिसके लिए बाजार सज गए हैं और कुर्बानी की तैयारियां हो रही हैं। मस्जिदों और ईदगाहों को सजाया गया है। उलेमा ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, देहरादून। कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा यानी बकरीद शनिवार को मनाई जाएगी। इसको लेकर बाजार में भी उत्साह का माहौल है। कुर्बानी की तैयारियों में लोग जुट गए हैं। ईदगाह व मस्जिदों को सजाया गया है। जगह-जगह बकरों की मंडियां लगाई जा रही हैं।
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साथ ही बाजार में भी मिठाई व छीर का सामान खरीदारी को लोग पहुंच रहे हैं। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सादगी से ईद-उल-अजहा मनाने की अपील की है। इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने जुल-हिज्जा के 10वें दिन बकरीद मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व शनिवार को है।
इस्लाम धर्म के जानकारों की मानें तो बकरीद रमजान माह के खत्म होने के 70 दिन बाद मनाई जाती है। ईद को लेकर हरिद्वार रोड आइएसबीटी, निरंजनपुर, रायपुर समेत विभिन्न क्षेत्रों में बकरों की मंडियां सजाई जा रही हैं। सहारनपुर, सहसपुर, बिजनौर, नजीबाबाद से बकरे लाकर लोग इन मंडियों में बेच रहे हैं। जमीअत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना हुसैन व महासचिव मौलाना शराफत ने कहा कि ईद का त्योहार सादगी के साथ मनाएं। साफ-सफाई का ख्याल रखें।
आसपास गरीब, यतीम कमजोर को अपनी खुशी में शामिल करें। प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न करें। कोई भी फोटो व वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित न करें।
भाईचारा, अमन व शांति के माहौल में मनाएं पर्व
आल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रदेश अध्यक्ष व नाएब सुन्नी शहर काजी सैयद अशरफ हुसैन कादरी ने ईद-उल-अजहा को परंपरागत अंदाज में भाईचारा, अमन व शांति के माहौल में मनाने की अपील की है। क़ादरी ने कहा कि कुर्बानी पैगंबर इब्राहिम और पैगंबर इस्माइल को याद करने और मुस्लिम खुदा को राजी करने के लिए करता है। वहीं, गौसिया मस्जिद के खतीब व इमाम मौलाना मोहम्मद आजम ने कहा कि कुर्बानी करने वाले लोग किसी भी तरह की नई परंपरा से बचें। दूसरे धर्मों के लोगों का भी खास ख्याल रखें।
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