शिक्षा मंत्री के लाइजन ऑफिसर एसपीएस नेगी सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के लाइजन ऑफिसर सुरेंद्र पाल सिंह नेगी को सस्पेंड कर दिया है। वह प्रांतीय लोक निर्माण विभाग रुद्रपुर में सहायक अभियंता के पद पर तैनात थे।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के लाइजन ऑफिसर सुरेंद्र पाल सिंह नेगी को सस्पेंड कर दिया है। वह प्रांतीय लोक निर्माण विभाग रुद्रपुर में सहायक अभियंता के पद पर तैनात थे। उन पर आरोप यह है उन्होंने शिक्षा मंत्री का लाइजन ऑफिसर बनने के लिए विभाग से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया। उन्होंने विभाग को अपनी नियुक्ति की सूचना भी नहीं दी। उन्होंने शिक्षा मंत्री के साथ भ्रमण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी से अभद्रता की और थप्पड़ मारने की धमकी भी दी, जिससे सरकार की छवि भी धूमिल हुई। निलंबन की अवधि में वह लोक निर्माण विभाग के सिविल वृत्त गोपेश्वर से संबद्ध रहेंगे।
शासन ने प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को एक सप्ताह के भीतर आरोपित अभियंता के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के लाइजन ऑफिसर एसपीएस नेगी कुछ दिनों पहले तब विवादों में आए थे जब उत्तरकाशी के जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा जितेंद्र सक्सेना ने उन पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। इस संबंध में उन्होंने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर बताया था कि पहले तो लाइजन ऑफिसर ने उन पर नियमविरुद्ध पोस्टिंग का दबाव बनाया। ऐसा न करने पर उनके साथ अभद्रता की गई और थप्पड़ मारने की धमकी भी दी। यह घटना सुर्खियों में भी रही।
इस मामले में सचिव लोक निर्माण विभाग रमेश कुमार सुधांशु ने विभागीय जांच कराई थी। इसमें यह बात पाई गई कि सहायक अभियंता एसपीएस नेगी को मुख्य विकास अधिकारी रुद्रपुर ने गदरपुर विधानसभा के लिए शिक्षा मंत्री का लाइजन ऑफिसर नियुक्त किया था। एसपीएस नेगी ने इस नियुक्ति के लिए कोई अनापत्ति विभाग से नहीं ली गई और न ही कोई सूचना विभाग को दी जो कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है। दस जुलाई 2020 को वह शिक्षा मंत्री के साथ उत्तरकाशी भ्रमण पर गए। उन्होंने मुख्यालय से बाहर रहने की सूचना भी कार्यालय को नहीं दी। वहां एक सरकारी अधिकारी के साथ अभद्रता करने का मामला सुर्खियों में रहा।
यह भी पढ़ें: बिजली काटने के मामले ने पकड़ा तूल, निलंबित प्रभारी एसडीओ नारायणबगड़ डिवीजन से संबद्ध
जांच में यह कहा गया है कि सहायक अभियंता का यह आचरण, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली और उत्तराखंड सरकारी सेवा अनुशासन और अपील नियमावली के तहत सरकार की छवि धूमिल करने और सरकारी अधिकारी से अभद्र व्यवहार करने के दोषी हैं। सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु ने मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर एसपीएस नेगी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस मामले में विस्तृत जांच की बात भी कही गई है।
यह भी पढ़ें: Electricity Rates: घाटे से उबरने को उपभोक्ताओं को महंगाई का 'करंट'