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बिजली काटने के मामले ने पकड़ा तूल, निलंबित प्रभारी एसडीओ नारायणबगड़ डिवीजन से संबद्ध

बिजली काटने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्र ने अधिशासी अभियंता मोहित डबराल को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 03:54 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 03:54 PM (IST)
बिजली काटने के मामले ने पकड़ा तूल, निलंबित प्रभारी एसडीओ नारायणबगड़ डिवीजन से संबद्ध
बिजली काटने के मामले ने पकड़ा तूल, निलंबित प्रभारी एसडीओ नारायणबगड़ डिवीजन से संबद्ध

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। रुद्रप्रयाग में जिला जज आवास, एसपी कार्यालय और रुद्रप्रयाग कोतवाली की बिजली काटने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्र ने अधिशासी अभियंता मोहित डबराल को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है। वहीं, आरोपित प्रभारी एसडीओ को निलंबित करते हुए उन्हें नारायणबगड़ डिवीजन से संबद्ध कर दिया गया है।

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मास्क न पहनने पर रविवार को पुलिस ने प्रभारी एसडीओ सुरेंद्र सिंह बिष्ट और प्रभारी जेई महावीर का सौ-सौ रुपये का चालान कर दिया था। इस दौरान दोनों की पुलिस के साथ जमकर बहस भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया। इससे बौखलाए एसडीओ और जेई ने एसपी ऑफिस और रुद्रप्रयाग कोतवाली की बिजली काट दी।

मामला तब गंभीर हो गया जब एसपी आफिस के पोल से जुड़े जिला जज के आवास की भी बत्ती गुल हो गई। इसकी जानकारी एसपी रुद्रप्रयाग नवनीत भुल्लर तक पहुंची तो उन्होंने यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्र को फोन कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। एमडी ने बताया कि प्रभारी एसडीओ सुरेंद्र सिंह को चमोली जनपद के नारायणबगड़ डिवीजन से संबद्ध कर दिया गया है। सुरेंद्र सिंह के पास एसडीओ ऊखीमठ का प्रभार और रुद्रप्रयाग में अवर अभियंता का चार्ज था। वहीं, सुरेंद्र सिंह से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।

सितंबर में देहरादून में हुआ था ऐसा वाकया

बीते साल 18 सितंबर को इसी तरह का वाकया देहरादून में भी हुआ था। ऊर्जा निगम का एक लाइनमैन एक अन्य सहयोगी के साथ बाइक से सीढ़ी लेकर राजपुर रोड की तरफ फाल्ट ठीक करने जा रहा था। घंटाघर पर सीपीयू ने उसे रोक लिया और खतरनाक तरीके से सीढ़ी ले जाने और जान जोखिम में डालने के आरोप में चालान कर दिया। इस पर दोनों ने पुलिस को महकमे की लाइन काटने की सरेआम धमकी दी थी। हालांकि, तब अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ऐसा नहीं हो पाया। ऊर्जा निगम और सीपीयू कर्मियों के बीच हुए इस विवाद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने जताई नाराजगी 

रुद्रप्रयाग में अवर अभियंता और प्रभारी एसडीओ को निलंबित किए जाने पर उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने नाराजगी व्यक्त की है। सोमवार को एसोसिएशन ने यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्र को ज्ञापन सौंपकर कहा कि अब से वह बिना लिखित अनुमति किसी की भी बिजली काटने नहीं जाएंगे। रुद्रप्रयाग प्रकरण को लेकर ऊर्जा निगम के अधिकारियों के रुख पर चिंता व्यक्त करते हुए एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष जीएन कोठियाल ने कहा कि अवर अभियंता को इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि विद्युत बिल का भुगतान न करने पर उन्होंने कोतवाली और एसपी कार्यालय की बिजली काट दी। 

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अधिकारियों को निगम के स्टाफ की उन मजबूरियों को समझना होगा, जिसमें वह काम करते हैं। वहीं, सर्वविदित है कि विभाग में अवर अभियंताओं की भारी कमी है। एक-एक अवर अभियंता पर दो से चार तक सेक्शनों का प्रभार है। इसके बाद भी बिना किसी जांच या आरोप पत्र के अवर अभियंता पर कार्रवाई करना न्यायसंगत नहीं है। एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि कोई भी अवर अभियंता अपने उपखंड अधिकारी और अधिशासी अभियंता की लिखित अनुमति के बिना किसी भी बिजली काटने नहीं जाएगा। एसोसिएशन ने मांग की है कि तत्काल अवर अभियंता का निलंबन वापस लिया जाए, जिससे एसोसिएशन को किसी तरह के आंदोलन का रास्ता न अख्तियार करना पड़े।

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