Electricity Rates: घाटे से उबरने को उपभोक्ताओं को महंगाई का 'करंट'
Electricity Rates दोहरी मार झेल रहे उत्तराखंड पावर कारपोरेशन (यूपीसीएल) ने अब उपभोक्ताओं पर महंगाई का करंट लगाने की तैयारी कर ली है।
देहरादून, जेएनएन। Electricity Rates बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों की आठ सौ करोड़ रुपये की देनदारी और उपभोक्ताओं पर चढ़े 761 करोड़ के बकाये की दोहरी मार झेल रहे उत्तराखंड पावर कारपोरेशन (यूपीसीएल) ने अब उपभोक्ताओं पर महंगाई का करंट लगाने की तैयारी कर ली है। यूपीसीएल की कोशिश है कि बिजली की दरों में प्रति यूनिट ढाई प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाए। ऐसे में अब नजरें उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग पर टिकी हैं कि वह इस कोरोना संकट से बेहाल आम नागरिकों का हित देखता है या फिर यूपीसीएल की वित्तीय स्थिति सुधारने की कोशिश को गंभीरता से लेता है।
लॉकडाउन ने निजी क्षेत्र की औद्योगिक कंपनियों को जहां तगड़ी आर्थिक चपत लगाई, वहीं सरकार के नियंत्रण वाली बिजली कंपनियों को भी खासा नुकसान हुआ। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन की स्थिति इस कदर बिगड़ने लगी है कि आने वाले दिनों में निगम कर्मियों की तनख्वाह के लिए ओवरड्राफ्ट का सहारा लेना पड़ सकता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि पिछले दो महीनों के दौरान बिल जमा करने में गिरावट का आना। इसे लेकर यूपीसीएल उन कंपनियों को भुगतान नहीं कर पा रही है, जिनसे वह बिजली खरीदती है। इसके अलावा उत्तराखंड पावर कारपोरेशन पर बिजली कंपनियों का 809 करोड़ रुपये बकाया चढ़ चुका है। ऐसे में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने यूपीसीएल को विद्युत टैरिफ बढ़ाने को यूईआरसी में अपील की मंजूरी दी है।
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बोले अधिकारी
बीसीके मिश्रा (एमडी, यूपीसीएल) का कहना है कि उपभोक्ताओं पर चढ़े बकाये की वसूली के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही विद्युत दरों में ढाई प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसकी अपील जल्द ही यूईआरसी में दाखिल कर दी जाएगी।