Uttarakhand News: उत्तराखंड में निश्शुल्क यात्रा सुविधाएं बढ़ा रही है परिवहन निगम पर बोझ
Uttarakhand News उत्तराखंड में निश्शुल्क यात्रा सुविधाएं परिवहन निगम पर बोझ बढ़ा रही है। बता दें कि प्रदेश में परिवहन निगम सात प्रकार की निश्शुल्क यात्रा योजनाएं चला रहा है। इन योजनाओं का पैसा निगम को सरकार से समय पर नहीं मिलता।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही निश्शुल्क यात्रा से संबंधित योजनाएं निगम पर लगातार बोझ बढ़ा रही हैं। कारण यह कि इन योजनाओं का पैसा निगम को सरकार से कभी भी समय पर नहीं मिलता। ऐसे में निगम को कई बार कार्मिकों के वेतन व भत्ते देने के लिए सरकार का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।
परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। निगम का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि निगम को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 74.90 करोड़ का नुकसान हुआ है।
बावजूद इसके सरकार की योजनाएं निगम द्वारा लगातार संचालित की जा रही हैं। इस समय परिवहन निगम सात निश्शुल्क व एक मासिक पास के जरिये यात्रा करने की योजना संचालित कर रहा है। पास वाली योजना बहुत अधिक सफल नहीं हो पाई है। वर्ष 2021-22 में निगम से कुल 4936 पास ही जारी हुए हैं।
निश्शुल्क योजनाओं की बात करें तो परिवहन निगम की बसों में छात्राओं को अपने घर से विद्यालय तक निश्शुल्क यात्रा कराई जा रही है। वर्ष 2020-21 में 82209 छात्राओं ने इस सेवा का लाभ उठाया था। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 154737 छात्राओं ने इसका लाभ उठाया।
निगम की अन्य निश्शुल्क यात्रा की योजना रक्षाबंधन पर महिलाओं को निश्शुल्क यात्रा कराने की है। गत वर्ष यानी अगस्त 2021 में इस योजना के तहत 43604 महिलाओं ने रक्षा बंधन के दिन निश्शुल्क यात्रा की।
निगम दिव्यांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनकी प्रथम पीढ़ी के आश्रितों के अलावा राज्य आंदोलनकारियों व मान्यता प्राप्त पत्रकारों को निश्शुल्क यात्रा सुविधा दे रहा है। इन निश्शुल्क यात्राओं के सापेक्ष निगम ने शासन को बिल भेजे हैं, जिनका अभी भुगतान होना शेष है।
सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी का कहना है कि निगम का जो भी भुगतान होता है वह मांग के अनुसार समय-समय पर उपलब्ध करा दिया जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।