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    उत्तराखंड की शांत वादियों में 'अशांति', अपराधियों की शरणस्थली के बाद अब इस अपराध का ठिकाना बन रहा प्रदेश

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 02:27 PM (IST)

    उत्तराखंड में नशा तस्करों ने अपना अड्डा बना लिया है। मुंबई और उत्तर प्रदेश में सख्ती के चलते तस्कर अब शांत वादियों का रुख कर रहे हैं। पुलिस कार्रवाई में ड्रग्स फैक्ट्री और कोबरा गैंग का पर्दाफाश हुआ है जिससे सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां तस्करी की संभावना बढ़ गई है जिसे लेकर एजेंसियां चिंतित हैं।

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    नशा तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। नशा तस्कर देवभूमि में अब धीरे-धीरे अपना नया ठिकाना बना रहे हैं। पिछले कुछ समय में पकड़े गए बड़े गिरोह ने यह बात साबित की है। मुंबई व उत्तर प्रदेश में नशा तस्कर अपना जाल नहीं फैला पा रहे हैं तो वह शांत वादियों में घुसपैठ की फिराक में हैं।

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    उत्तराखंड पुलिस की ओर से पिछले कुछ समय से नशा तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की है। इससे यह भी सवाल उठ रहे हैं कि जब नशा तस्करों ने उत्तराखंड में ठिकाना बनाया, तब क्यों नहीं सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक लगी।

    उत्तराखंड की शांत वादियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों ने अपनी शरणस्थली बना ली थी। वह बड़े अपराध कर उत्तराखंड में छिपने के लिए आते थे। पिछले कुछ समय से मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ने के बाद बदमाशों ने उत्तराखंड का रूख करना तो कम कर दिया है, लेकिन अब नशा तस्कर अपना कारोबार जमाने में लग गए हैं। उत्तराखंड पुलिस की एमडीएमए ड्रग्स तैयार करने वाले गिरोह व कोबरा गैंग का पर्दाफाश करने से यह बात साबित होती है।

    तमाम सुरक्षा एजेंसियां, फिर भी कैसे पनप रहे हैं तस्कर

    उत्तराखंड की सीमा चीन व नेपाल से सटी है, ऐसे में यहां पर नशा तस्करी की संभावना बढ़ी है। इसको देखते हुए नशा तस्करों की धरपकड़ के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ-साथ उत्तराखंड की स्पेशल टास्क के अंतर्गत एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) व हर जिले में भी एएनटीएफ की टीमें लगाई हुई हैं।

    तमाम सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद भी नशा तस्करों का नेटवर्क लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2024 से उत्तराखंड में स्मैक, हेरोइन व एमडीएमए जैसे मादक पदार्थ की तस्करी बढ़ी है। सुरक्षा एजेंसियां भी इसे आने वाले समय के लिए खतरा बता रही हैं।

    नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ समय से बड़े नशा पेडलरों को जेल भेजा गया है। एएनटीएफ का ढांचा तैयार किया जा रहा है ताकि कार्रवाई को और तेज किया जा सके। - नवनीत भुल्लर, एसएसपी एसटीएफ