उत्तराखंड में अब मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लगेगी अपराध पर लगाम, ये है धामी सरकार का प्लान
उत्तराखंड में नदियों पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है ताकि अवैध खनन को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, वाहनों पर चिप लगाई जा रही है जिससे उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके और अपराधों पर नियंत्रण किया जा सके। सरकार तकनीक का उपयोग करके राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर रही है।

नदियों पर 24 घंटे निगरानी को किया जाएगा नाइट विजन ड्रोन का इस्तेमाल
विकास गुसाईं, जागरण, देहरादून । नदियों पर होने वाला खनन अब दिन-रात विभाग की नजरों में रहेगा। इतना ही नहीं, जिन वाहनों से खनन सामग्री का ढुलान होगा, उसकी सभी गतिविधियां विभाग की निगरानी में रहेंगी। इसके लिए औद्योगिक विकास (खनन) विभाग ने प्रदेश के चारों मैदानी जिले यानी देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल में नाइट विजन ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। साथ ही खनन सामग्री की ढुलान में लगे वाहनों में जीपीएसयुक्त चिप लगाए जाएंगे। जिससे वाहनों की आवाजाही पर नजर रखी जा सकेगी।
राज्य में खनन सामग्री से मिलने वाले राजस्व को आय का एक बढ़ा स्रोत माना जाता है। गत वर्ष विभाग ने 1050 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया था। जो निर्धारित राजस्व लक्ष्य से अधिक था। इस वर्ष भी विभाग का राजस्व लक्ष्य 950 करोड़ रुपये रखा गया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए विभाग अवैध खनन पर अब पूरी तरह अंकुश लगाने की दिशा में कदम उठा रहा है।
बरसात के बाद दूसरे चरण की खनन प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू हो जाती है। यद्यपि, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वीकृत खनन क्षेत्रों में पानी के जमा होने के कारण इसे शुरू करने में थोड़ा समय लग रहा है। इस बीच विभाग ने खनन की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस कड़ी में प्रदेश में अभी 25 स्थानों पर चेकगेट लगाए गए हैं। इन चेकगेट पर सीसी कैमरे लगा रखे हैं जो यहां से गुजरने वाले वाहनों की सामग्री पर नजर रखते हैं। साथ ही विभाग ने वाहनों पर जीपीएस लगाया है।
इससे यह देखा जाएगा कि जो वाहन खनन सामग्री लेकर सड़कों पर चल रहे हैं, उनके रवन्ने कटे हुए हैं या नहीं। साथ ही इन पर लगे चिप से यह भी स्पष्ट हो सकेगा कि स्वीकृत पट्टों से खनन सामग्री लाई जा रही है। नदियों पर रात को अवैध खनन न हो, इसके लिए चारों जिलों के लिए नाइट विजन ड्रोन कैमरे खरीदे गए हैं जो नदियों पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि वाहन उसी खनन क्षेत्र से खनिज सामग्री उठाएंगे जहां उनका रवन्ना कटा हुआ है। इसकी चेकिंग भी की जाएगी।
निदेशक खनन राजपाल लेघा का कहना है कि व्यवस्था को पारदर्शी व सुव्यवस्थित करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में चेक गेट लगाने के साथ ही नाइट विजन वाले ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करने की तैयारी है।
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