Chardham Yatra: गुरुवार को खुलेंगे बाबा केदार के कपाट, उत्सव डोली पहुंची धाम
बाबा केदार के कपाट गुरुवार को खोल दिए जाएंगे। केदार बाबा की पंचमुखी उत्सव डोली भी केदारनाथ धाम पहुंच गई है।
देहरादून, जेएनएन। रुद्रप्रयाग जिले स्थित बाबा केदार के कपाट गुरुवार को श्रद्धालुओं के खोल दिए जाएंगे। पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से रवाना हुई केदार बाबा की पंचमुखी उत्सव डोली भी केदारनाथ धाम पहुंच गई है। सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर विधिविधान के साथ भोले बाबा की पंचमुखी मूर्ति केदार मंदिर में विराजमान हो जाएगी। इसके बाद अगले छह महीने तक बाबा केदार यहीं पर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से सोमवार को केदार बाबा की पंचमुखी उत्सव डोली केदारपुरी के लिए रवाना हुई थी। बुधवार शाम डोली केदारनाथ धाम पहुंची। इससे पहले गौरीकुंड में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार सुबह केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी केदार लिंग ने पंचमुखी मूर्ति को भोग लगाया और पूजा अर्चना की। सुबह लगभग आठ बजे गौरीमाई के दर्शन कर डोली केदारनाथ के लिए रवाना हुई। भक्त के जयकारों से यहां उत्सव सा माहौल था। जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली होते हुए देर शाम डोली केदारनाथ धाम पहुंची। रास्ते भर भक्तों ने डोली का फूल मालाओं से स्वागत किया।
मुख्य पुजारी के साथ ही केदारनाथ नगर पंचायत स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास पोस्ती, मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, डोली प्रभारी यद्धुवीर पुष्पवाण, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी समेत सैकड़ों भक्त इस अवसर पर मौजूद थे।
यात्री व्यवस्थाओं को अंतिम रूप
- 6000 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था
- आवाजाही के लिए 2000 घोड़े-खच्चर और 50 पालकी उपलब्ध
- बिजली, पानी और संचार की सुविधा
- जीएमवीएन के साथ ही निजी होटल उपलब्ध
धार्मिक कार्यक्रम
प्रात:कालीन विशेष पूजाएं
तड़के तीन बजे से छह बजे तक
सांयकालीन आरती और पाठ
सात बजे से आठ बजे तक
भोग चढ़ाने का समय
दोपहर 3 बजे से 4 बजे तक
सामान्य दर्शन का समय
सुबह छह बजे तक दोपहर के तीन बजे और 4 बजे से 7 बजे तक
तुंगनाथ की उत्सव डोली रवाना, दस मई को खुलेंगे कपाट
पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है। बुधवार सुबह आठ बजे शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ के गर्भगृह को बाबा तुंगनाथ की भोगमूर्ति को सभामंडप में विराजमान किया गया। इसके बाद पुजारी ने डोली का शृंगार कर बाबा को भोग लगाया। स्थानीय ग्रामीणों ने भी बाबा को पारंपरिक पकवानों का अघ्र्य अर्पित किया और फिर डोली रात्रि विश्राम के लिए मक्कू गांव से करीब एक किमी दूर भूतनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई। गुरुवार को यहां से डोली चोपता के लिए प्रस्थान करेगी और शुक्रवार दस मई की सुबह तुंगनाथ मंदिर परिसर पहुंचेगी। यहां मंदिर की एक परिक्रमा करने के बाद दोपहर 12 बजे पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
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