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दून में पुलिस फेल, मुख्य सड़कों पर बेधड़क दौड़ रहे ई-रिक्शा Dehradun News

मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की रेल फिर से दौड़ने लगी है। सरकार ने मुख्य सड़कों पर इनका संचालन प्रतिबंधित किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 04:12 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 04:12 PM (IST)
दून में पुलिस फेल, मुख्य सड़कों पर बेधड़क दौड़ रहे ई-रिक्शा Dehradun News
दून में पुलिस फेल, मुख्य सड़कों पर बेधड़क दौड़ रहे ई-रिक्शा Dehradun News

देहरादून, अंकुर अग्रवाल। शहर की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की 'रेल' फिर से दौड़ने लगी है। सरकार ने मुख्य सड़कों पर इनका संचालन प्रतिबंधित किया। बावजूद पुलिस और परिवहन विभाग ई-रिक्शा पर लगाम लगाने में फेल साबित हो रहे। सरकार ने बीती 28 अगस्त को देहरादून पुलिस के उस प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी, जिसमें शहर की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री होनी थी। पुलिस अपने ही प्रस्ताव का पालन नहीं करा रही। जिस कारण शहर में फिर पहले जैसे जाम के हालात बनने लगे हैं। 

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शहर में जाम का पर्याय बने ई-रिक्शा पर लंबी मशक्कत और दो साल की कसरत के बाद सरकार ने गुजरी 28 अगस्त को इनका संचालन मुख्य रूटों पर प्रतिबंधित कर दिया था। नियमानुसार अब ये सिर्फ गली-संपर्क मार्गों पर ही चल सकते हैं। सरकार ने उक्त आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी प्रशासन के साथ पुलिस, परिवहन विभाग और नगर निगम को संयुक्त रूप से सौंपी थी।

सरकार ने शहर के सभी प्रतिबंधित मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के बोर्ड लगाने के भी आदेश दिए थे। जिसमें नो-एंट्री का समय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक दर्ज करने को कहा गया था, लेकिन न प्रशासन ने कोई कदम उठाया, न पुलिस ने। सरकार के आदेश के पहले दिन 29 अगस्त को डर के कारण जरूर ई-रिक्शा का संचालन बंद रहा, लेकिन महज दस दिन बाद ही समस्त ई-रिक्शा फिर से मुख्य सड़कों पर बेधड़क दौड़ने लगे हैं। 

इसलिए लगाया था प्रतिबंध 

दो साल पहले तक शहर में आमजन की परिवहन सुविधा व शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए चलाए गए ई-रिक्शा आज शहर के लिए 'नासूर' बन गए हैं। हर मुख्य मार्ग, प्रमुख चौराहों-तिराहों पर इनका झुंड नजर आता है और ये न केवल ट्रैफिक जाम बल्कि आमजन के लिए बड़ी परेशानी भी बन चुके हैं। परिवहन विभाग के रिकार्ड के तहत वर्तमान में दून में 2478 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। विक्रम-ऑटो के बाद शहर में यातायात जाम के सबसे बड़े कारण बन रहे ई-रिक्शा पर परिवहन विभाग नकेल डालने में हर मोर्चे पर विफल रहा। हालात ऐसे हैं कि पंजीकृत ई-रिक्शा के साथ बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी शहर में दौड़ रहे हैं। 

नेताओं का दबाव तो नहीं 

प्रतिबंध लगने के बाद से ई-रिक्शा के संचालक भाजपा व कांग्रेस के नेताओं के यहां डेरा डाले हुए थे। भाजपा विधायकों व कांग्रेस के पूर्व विधायक के साथ संचालकों ने सरकार पर दबाव भी बनाया। माना जा रहा है कि शायद यही वजह है कि पुलिस व परिवहन विभाग दबाव में हैं। 

यहां फिर लगने लगा झुंड 

पटेलनगर लालपुल, आइएसबीटी तिराहा, निरंजनपुर मंडी तिराहा, कारगी चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, घंटाघर, बल्लीवाला व बल्लूपुर चौक, प्रेमनगर, शिमला बाइपास तिराहा, दून अस्पताल तिराहा, जोगीवाला चौक, धर्मपुर, बिंदाल तिराहा, दर्शनलाल चौक, रिस्पना पुल, सर्वे चौक, सहारनपुर चौक, पथरीबाग चौक आदि। 

यहां फिर से दौड़ रहे ई-रिक्शा 

सरकार ने घंटाघर, आइएसबीटी, रेलवे स्टेशन और परेड ग्राउंड से ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित किया हुआ है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक चार केंद्रों पर ई-रिक्शा का संचालन कानूनन नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद आजकल यहां फिर से ई-रिक्शा पुलिस को मुंह चिढ़ाते हुए बेधड़क दौड़ रहे।   

इन रूटों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के के बावजूद धड़ल्ले से हो रही एंट्री 

-घंटाघर से प्रेमनगर वाया चकराता रोड, किशनगर, बल्लूपुर चौक। 

-घंटाघर से आइएसबीटी वाया प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, सहारनपुर चौक, पटेलनगर लालपुल, माजरा। 

-घंटाघर से जोगीवाला तक वाया आराघर, धर्मपुर व रिस्पना पुल। 

-घंटाघर से जाखन तक वाया राजपुर रोड, दिलाराम बाजार। 

-घंटाघर से लाडपुर तक वाया परेड ग्राउंड, सर्वे चौक, सहस्रधारा क्रॉसिंग। 

-रिस्पना पुल से आइएसबीटी वाया कारगी चौक। 

-शिमला बाइपास से बड़ोवाला पुल तक वाया मेहूंवाला, तेलपुर चौक। 

एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि सरकार ने शहर में सात मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था। व्यवहारिक तौर पर इसमें कुछ दिक्कतें बताई जा रही हैं। ई-रिक्शा के संचालक भी गरीब तबके के हैं और उन्होंने राहत देने की अपील की है। इसलिए सीओ यातायात को मार्गों का एक बार दोबारा सर्वे कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। अगर यह पाया गया कि ई-रिक्शा की वजह से मार्गों पर दिक्कत आ रही तो इनका संचालन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा।

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एआरटीओ अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार ने ई-रिक्शा के रूट नोटिफाई किए हुए हैं। जिन रूटों पर प्रतिबंध है, ई-रिक्शा वहां नहीं चल सकते। रिक्शा संचालकों की ओर से पुलिस से दोबारा मार्गों के सर्वे की मांग की गई है। अब यह जिम्मेदारी पुलिस की है कि वह क्या रिपोर्ट देती है। परिवहन विभाग की ओर से सरकार के आदेशों का अनुपालन कराया जाएगा। 

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