दून के लोग छह गुना अधिक प्रदूषण में सांस लेने को मजबूर
बलूचिस्तान (पाकिस्तान) व राजस्थान से चली धूलभरी गर्म हवा का सबसे अधिक असर दून में लगातार तीसरे दिन भी नजर आ रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: बलूचिस्तान (पाकिस्तान) व राजस्थान से चली धूलभरी गर्म हवा का सबसे अधिक असर दून में लगातार तीसरे दिन भी नजर आ रहा है। बेहद चौंकाने वाली बात यह है कि इस धूल की परत से दून के प्रदूषण में मानक से छह गुना का इजाफा हो गया था। वह तो गनीमत रही कि की रात से बारिश का जो दौर चला, उससे वायुमंडल में घूम रहे धूल के कण काफी हद तक धरती की सतह पर बैठ गए।
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहले दिन रायपुर रोड स्थित स्टेशन से पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)10 के आंकड़े लिए थे और यह दर 269.18 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाई गई थी। जो कि अधिक सीमा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से करीब ढाई गुना रही। जबकि गुरुवार को घंटाघर स्थित स्टेशन से रिकॉर्ड की गई यह दर रिकॉर्ड स्तर पर 607.87 को पार कर गई थी। स्पष्ट है कि दूनवासियों ने 24 घंटे से अधिक समय तक कितने गहरे प्रदूषण में सांसें लीं। इसी स्टेशन पर 12 जून को पीएम-10 की दर 174.2 थी।
स्मॉग में भी नहीं था इतना स्तर
नवंबर माह में भी दिल्ली समेत उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक हो गया था। तब स्मॉग के चलते यह स्थिति पैदा हुई थी। उस समय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आइएसबीटी स्थित स्टेशन से पीएम-10 के आंकड़े लिए थे। नवंबर में स्मॉग के चलते आइएसबीटी स्टेशन में पीएम-10 की मात्रा 400.4 रिकॉर्ड की गई थी। जबकि अब यह दर 600 को पार कर जाना बताता है कि धूलभरी हवा एक दिन भी अधिक रहती तो हालात कितने बेकाबू हो जाते।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में दो दिन और रहेगा धूल भरी आंधी का खतरा, पेड़ गिरने से बच्ची की मौत
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 100 किमी की रफ्तार से आ सकता है अंधड़, शहर पर चढ़ी धूल की परत
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अगले दो दिन करवट लेता रहेगा मौसम, बारिश से पांच डिग्री गिरा तापमान