Dehradun : अधिवक्ताओं ने घंटाघर पर तीन घंटे लगाया जाम, चैंबर निर्माण की कर रहे हैं मांग
चैंबर निर्माण की मांग को लेकर देहरादून में अधिवक्ताओं ने घंटाघर पर तीन घंटे तक जाम लगाया, जिससे राजपुर रोड और चकराता रोड पर लंबा जाम लग गया। बार एसोसि ...और पढ़ें
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चैंबर निर्माण की मांग को लेकर देहरादून बार एसोसिशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने रैली निकालकर घंटाघर के चारों ओर जाम कर प्रदर्शन किया। अनिल डोगरा
जागरण संवाददाता, देहरादून: चैंबर निर्माण की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने घंटाघर पर जाम लगा दिया। करीब तीन घंटे तक अधिवक्ता घंटाघर पर बैठे रहे। जिससे राजपुर रोड, बुद्धा चौक, चकराता रोड से तहसील चौक तक लंबा जाम लग गया। बाद में अधिवक्ता बार भवन लौट गए।
अधिवक्ता लंबे समय से चैंबर निर्माण की मांग कर रहे हैं। कई दिनों तक अधिवक्ता हरिद्वार रोड पर नये कोर्ट परिसर के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चलते सोमवार को अधिवक्ता बार भवन में एकत्र हुए और रैली की शक्ल में तहसील चौक-दर्शन लाल चौक होते हुए घंटाघर पहुंचे और वहां बैठ गए। इससे वहां जाम लग गया और पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई।
बार एसोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने कहा कि सरकार अधिवक्ताओं के लिए चैंबर निर्माण करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में अधिवक्ताओं ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन अब उन्हीं अधिवक्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
अधिवक्ताओं की जायज मांगे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह बार भवन पहुंचें और चैंबर निर्माण की घोषणा करें, उसी समय अधिवक्ता अपने कामकाज पर लौट जाएंगे। अध्यक्ष ने कहा कि बैंच और बार एक ही गाड़ी के दो पहिये हैं। सरकार ने न्यायालय की आलीशान बिल्डिंग बना दी है, लेकिन अधिवक्ताओं के लिए चैंबर निर्माण नहीं बना रही है।
न्यायालय में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। उनके बैठने, चाय-पानी की व्यवस्था तक नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द अधिवक्ताओं की मांगें मानी जाएं, ताकि अधिवक्ता अपने कामकाज पर लौट सकें। इस मौके पर बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद रहे।
जाम के दौरान एक व्यक्ति से हुई झड़प
घंटाघर पर जाम के दौरान कुछ अधिवक्ताओं की झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि किसी बात को लेकर व्यक्ति अधिवक्ताओं से भिड़ गया, जिसके बाद मामला काफी गर्मा गया। पुलिस व वरिष्ठ अधिवक्ताओं को बीच बचाव करना पड़ा। कुछ देर बाद मामला शांत हो गया।

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