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    कोरोना से निपटने के लिए दून अस्पताल तैयार, जल्द शुरू होगी फ्लू ओपीडी; आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य

    Updated: Wed, 28 May 2025 03:08 PM (IST)

    दून अस्पताल कोरोना से निपटने के लिए तैयार है। ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है फ्लू जैसे लक्षणों वालों के लिए अलग ओपीडी बनाई गई है। आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य की गई है और आयुष्मान विंग में कोविड मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया जा रहा है। जिला अस्पताल में भी फ्लू ओपीडी शुरू हो गई है। वायरस में हो रहे बदलावों पर निगरानी रखी जा रही है।

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    फ्लू जैसे लक्षणों वालों के लिए अलग ओपीडी. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए दून मेडिकल कालेज प्रशासन ने भी किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। अस्पताल में आक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने से लेकर फ्लू ओपीडी शुरू करने तक कई जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि कोविड और फ्लू से प्रभावित मरीजों को समय पर और प्रभावी इलाज मिल सके।

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    आक्सीजन उत्पादन क्षमता में वृद्धि

    दून मेडिकल कालेज में फिलहाल प्रति मिनट दस हजार लीटर आक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। प्रशासन इसकी क्षमता बढ़ाकर 12 हजार लीटर प्रति मिनट करने की तैयारी कर रहा है।

    चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट के अनुसार कालेज में वर्तमान में तीन आक्सीजन प्लांट संचालित हैं, जो वार्ड, आइसीयू और आपरेशन थिएटर में पर्याप्त आक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करते हैं। हालांकि, तकनीकी कारणों से दो पीएसए प्लांट फिलहाल बंद हैं, जिनकी मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। इन्हें जल्द ही पुनः चालू कर दिया जाएगा।

    फ्लू ओपीडी जल्द शुरू

    दून मेडिकल कालेज में फ्लू ओपीडी शुरू करने की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। चिकित्सा अधीक्षक डा. बिष्ट ने बताया कि ओपीडी बिल्डिंग की एंट्री पर पीआरओ कक्ष में अलग से व्यवस्था की जा रही है। इसका उद्देश्य फ्लू या कोविड जैसे लक्षण वाले मरीजों को सामान्य मरीजों से अलग रखना है ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। फ्लू ओपीडी जल्द ही चालू कर दी जाएगी।

    आरटीपीसीआर जांच को अनिवार्य किया गया

    फ्लू जैसे लक्षणों वाले सभी मरीजों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य करने के निर्देश चिकित्सकों को जारी किए गए हैं। अस्पताल के पास लगभग 200 आरटीपीसीआर किट फिलहाल उपलब्ध हैं, जिनसे करीब 20 हजार सैंपल की जांच की जा सकती है। जांच के लिए भी मरीजों के लिए ओपीडी के बाहर ही विशेष व्यवस्था की जा रही है ताकि संक्रमण का खतरा न्यूनतम हो।

    आयुष्मान विंग में अलग वार्ड

    कोविड मरीजों के इलाज के लिए आयुष्मान विंग में अलग वार्ड बनाया जा रहा है। फिलहाल 30 बेड यहां आरक्षित किए जा रहे हैं, जिनकी संख्या आवश्यकतानुसार बढ़ाई जाएगी। इसके लिए अस्पताल में अतिरिक्त जगह भी चिह्नित कर ली गई है।

    जिला चिकित्सालय में भी फ्लू ओपीडी शुरू

    जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में भी फ्लू ओपीडी शुरू कर दी गई है। नजला-जुकाम, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीज यहां जांच और उपचार के लिए आ सकते हैं। यहां आरटीपीसीआर जांच उपलब्ध है। साथ ही सीएमओ कार्यालय की ओर से एंटीजन किट भी दी जा रही हैं। अस्पताल में आक्सीजन बेड चलाने के लिए पीएसए प्लांट एवं आक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध हैं।

    वायरस में हो रहे बदलावों की निगरानी

    मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज कुमार शर्मा ने स्पष्ट किया कि किसी क्षेत्र में यदि कोरोना, इन्फ्लूएंजा या सार्स जैसी बीमारी के मामलों का समूह (क्लस्टरिंग) सामने आता है तो वहां त्वरित जांच की व्यवस्था के साथ रोकथाम के उपाय किए जाएंगे। सभी अस्पतालों को दवाएं, आक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर और अन्य जरूरी संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। कोविड पाजिटिव मरीजों के सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग कराकर वायरस में हो रहे बदलावों की निगरानी की जाएगी। यह जांच राजकीय मेडिकल कालेज के माध्यम से की जाएगी। सीएमओ ने चेतावनी दी है कि राज्य व केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन करने या लापरवाही बरतने पर संबंधित संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।