देहरादून में सरकारी इलाज सस्ता, लेकिन ''बधाई'' का बोझ भारी; हो रही जबरन वसूली
दून अस्पताल में बच्चे के जन्म पर बधाई के नाम पर रुपये मांगने का मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उनकी पत्नी की डिलिवरी के बाद स्टाफ ने जबरन वसूली की। चिकित्सा अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। अस्पताल में इस तरह की वसूली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकारी अस्पतालों में इलाज गरीब और जरूरतमंद के लिए सस्ता और सुलभ माना जाता है। लेकिन, दून मेडिकल कालेज अस्पताल के गायनी वार्ड में ‘बधाई’ के नाम पर वसूली का खेल लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है।
यहां डिलिवरी के बाद जच्चा-बच्चा सुरक्षित हों तो खुशी में बधाई देने का मौका खुद स्टाफ जबरन वसूली में बदल देता है। ऐसे ही एक मामले में स्वजन ने चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट से इसकी शिकायत की है। जिस पर उन्होंने विभाग से रिपोर्ट तलब की है।
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय न केवल शहर बल्कि प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में शुमार है। जहां हर दिन दो से ढाई हजार के बीच मरीज उपचार के लिए आते हैं। वहीं, हर दिन करीब 30-35 प्रसव होते हैं। पर डिलिवरी के बाद स्वजन से की जा रही वसूली उन पर भारी पड़ रही है।
छह नंबर पुलिया के समीप रहने वाले रामप्रकाश ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रशासन से की है। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह उनकी पत्नी संजना की डिलिवरी हुई। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं, लेकिन इसके बाद स्टाफ ने उनसे बधाई के नाम पर रुपये मांगे।
उन्होंने 500 रुपये दिए, मगर स्टाफ ने इसे कम बताते हुए और रकम की मांग की। इधर, सूत्र बताते हैं कि बच्चे का मुंह दिखाने से लेकर घर तक छोड़ने के लिए एंबुलेंस चालक तक बख्शीश की उम्मीद रखता है। ऐसे में अस्पताल इलाज तो सस्ता है, लेकिन ‘बधाई’ महंगी पड़ रही है।
चिकित्सा अधीक्षक डा. बिष्ट ने कहा कि अस्पताल में इस तरह की वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी स्टाफ रुपये मांगता पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। फिलहाल विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है और जांच शुरू कर दी गई है। जिस किसी की भी संलिप्तता सामने आती है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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