Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश की 28 नदियों में डाल्फिन का अस्तित्व सिर्फ गंगा में, संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 06:06 AM (IST)

    देश में पाई जाने वाली 28 नदियों में से डॉल्फिन अब केवल गंगा नदी में ही जीवित हैं। अन्य 27 नदियों में इनकी संख्या घट गई है या वे विलुप्त हो चुकी हैं। गंगा नदी डॉल्फिनों के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है, लेकिन प्रदूषण और मानवीय गतिविधियों से खतरा बना हुआ है। डॉल्फिन संरक्षण के लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठन मिलकर काम कर रहे हैं।

    Hero Image

    सुमन सेमवाल, देहरादून। डाल्फिन को मीठे पानी की व्हेल कहा जाता है। देखने की कम क्षमता के बावजूद यह नदी पारिस्थितिकी की सूचक प्रजाति है और इसे अंधी संतरी का दर्जा भी प्राप्त है। हालांकि, नदियों पर बढ़ते तरह-तरह के दबाव के चलते यह संतरी संकट में है। भारत की 28 नदियों पर किए गए सर्वेक्षण में सिर्फ गंगा और सिंधु नदी में ही डाल्फिन पाई गई और सिंधु नदी में इनकी संख्या महज तीन बची है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत में पहली बार देशभर की नदियों में पाई जाने वाली मीठे पानी की डाल्फिन की विस्तृत वैज्ञानिक गणना पूरी कर ली गई है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) की वार्षिक शोध संगोष्ठी में इस सर्वेक्षण को प्रस्तुत किया गया। सर्वे ने न सिर्फ इन दुर्लभ जीवों की वर्तमान स्थिति स्पष्ट की गई है, बल्कि यह भी बताया है कि गंगा डाल्फिन अब भी भारत की प्रमुख ताजे पानी की व्हेल प्रजाति बनी हुई है।

    इस अध्ययन को भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की विज्ञानी डा विष्णुप्रिया कोलिपाकम के नेतृत्व में किया गया। सर्वेक्षण 28 नदियों में किया गया, जिसकी कुल लंबाई 8,507 किलोमीटर थी। इसे विश्व का सबसे बड़ा मीठे पानी की डाल्फिन सर्वेक्षण माना जा रहा है। जिनमें कुल आठ राज्य कवर किए गए। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गंगा नदी में डाल्फिन की कुल संख्या 6324 है, जबकि सिंधु नदी में यह आंकड़ा ना के बराबर महज 03 पाया गया।

    इस तरह की गई गणना

    डाल्फिन की संख्या का आकलन डबल आब्जर्वर प्रोटोकाल से किया गया। इस तकनीक में दो विज्ञानी स्वतंत्र रूप से डाल्फिन को गिनते हैं, फिर डेटा का मिलान किया जाता है। ताकि किसी भी गलती या पुनरावृत्ति को दूर किया जा सके। साथ ही पैसिव अकूस्टिक मानिटरिंग यानी जलध्वनि सेंसरों के माध्यम से भी उनकी उपस्थिति दर्ज की गई। इससे आंकड़ों की सटीकता में वृद्धि हुई और प्राकृतिक परिस्थितियों, जलगहराई, दृश्यता आदि से होने वाले भ्रम को न्यूनतम किया गया।

    डाल्फिन की आबादी का बेसलाइन स्थापित

    यह अध्ययन भारत की नदियों में डाल्फिन की आबादी का पहला मानक (बेसलाइन) स्थापित करता है। यह दीर्घकालिक निगरानी और संरक्षण नीति के लिए वैज्ञानिक आधार प्रदान करेगा। अध्ययन से यह भी स्पष्ट हुआ कि सिंधु नदी की डाल्फिन भारत में विलुप्ति के कगार पर हैं और केवल सीमित क्षेत्र में ही बची हैं। गंगा डाल्फिन भले ही अपेक्षाकृत स्थिर हैं, परंतु प्रदूषण और नदी-प्रवाह में बदलाव से उनके अस्तित्व पर खतरा बना हुआ है। डाल्फिन की संख्या में कमी का अर्थ केवल एक प्रजाति का संकट नहीं, बल्कि संपूर्ण नदी तंत्र के स्वास्थ्य का गिरना है।

    राज्यवार डाल्फिन की संख्या

    राज्य संख्या
    उत्तर प्रदेश 2,397
    बिहार 2,220
    बंगाल 815
    असम 635
    झारखंड 162
    राजस्थान और मध्य प्रदेश 95
    पंजाब 3
    कुल योग 6,327