उत्तराखंड में आवारा कुत्तों के साथ उत्पाती बंदरों का भी आतंक, महिलाओं पर झपटे
देहरादून के इंद्रानगर में बंदरों का आतंक बढ़ गया है। बंदरों ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों को घायल कर दिया जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। बंदर घरों में घुसकर पानी की टंकियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं। स्थानीय लोग वन विभाग और नगर निगम से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं क्योंकि पहले लगाया गया पिंजरा बेअसर रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी दून में आवारा कुत्तों के आतंक के साथ ही अब उत्पाती बंदरों ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। सीमाद्वार वार्ड के इंद्रानगर क्षेत्र में बंदरों के झुंड खुलेआम उत्पात मचा रहे हैं। मंगलवार को बंदरों ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों को घायल कर दिया।
मोहल्ले में हर कोई दहशत में है और लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं। बंदरों का झुंड पूर्व में अपने कार्यालय के बाहर बैठे क्षेत्रीय पार्षद पर भी झपट चुके हैं। जबकि, वन विभाग और नगर निगम का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।
इंद्रानगर निवासी नीलम बडोला मंगलवार सुबह छत पर कपड़े सुखा रही थीं। तभी अचानक बंदरों का झुंड आ धमका। नीलम कुछ समझ पातीं, इससे पहले ही एक बंदर ने उन पर हमला कर दिया। बंदर से बचने के प्रयास में नीलम फिसलकर गिर गईं और गंभीर चोटिल हो गईं।
उन्होंने अस्पताल जाकर रेबीज का टीका लगवाया। मंगलवार को ही मोहल्ले की युवती मनीषा और एक बुजुर्ग पर भी बंदरों ने हमला कर दिया। इससे पहले स्थानीय पार्षद विनोद रावत भी बंदरों का शिकार हो चुके हैं। पिछले माह क्षेत्र की प्रभा कठैत नाम की महिला को भी बंदरों ने काट था। लगातार बढ़ती घटनाओं ने पूरे इलाके में भय का माहौल बना दिया है।
छतों और टंकियों को नुकसान
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि बंदर अब न सिर्फ छतों और बालकनियों में घुस आते हैं, बल्कि पानी की टंकियों के ढक्कन तोड़ रहे हैं। फल-सब्जी लेकर लौट रही महिलाओं व बुजुर्गों पर भी झपट पड़ते हैं। बच्चे तो अब घर के बाहर खेलने तक नहीं जा पा रहे हैं। सरिता ठाकुर कहती हैं कि बंदर इतने निडर हो गए हैं कि दिनदहाड़े घरों में घुस आते हैं। अब तो दरवाजे-खिड़कियां बंद करके ही रहना पड़ रहा है।
पिंजरा बेअसर, क्षेत्रवासी नाराज
वन विभाग ने पूर्व में पार्षद विनोद रावत की शिकायत पर इलाके में एक पिंजरा लगाया था, लेकिन वह कारगर साबित नहीं हुआ। लोगों ने बताया कि अब बंदर पिंजरे के पास तक नहीं फटकते और खुलेआम कालोनी में आतंक मचाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए व्यापक स्तर पर बंदर पकड़कर उन्हें दूरस्थ जंगल में छोड़ने की मांग क्षेत्रवासी कर रहे हैं।
वन विभाग और नगर निगम को होना होगा गंभीर
बंदरों के आतंक को रोकने के लिए वन विभाग और नगर निगम को सामूहिक प्रयास करने होंगे। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए महापौर सौरभ थपलियाल ने कहा कि इस मुद्दे पर वन विभाग से वार्ता हुई है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा। क्षेत्रवासी मोहन सिंह बिष्ट, पवन तलवार और अंकुर बहुगुणा का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और भयावह हो जाएगी।

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