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    पहली बार डीएनए मैथड से की गई गिनती, दुरुस्‍त कीजिए अपनी GK; देश में अब इतने हाथी

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 04:36 PM (IST)

    देश में पहली बार डीएनए आधारित गणना से हाथियों की वास्तविक संख्या 22,446 आंकी गई है। कर्नाटक में सबसे अधिक हाथी पाए गए हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान में वार्षिक शोध संगोष्ठी में हाथी गणना के आंकड़े जारी किए गए। डीएनए तकनीक से हाथियों की सटीक संख्या और प्रवास पैटर्न का निर्धारण संभव हुआ है। भारत में हाथियों की सर्वाधिक सघनता दक्षिणी और पूर्वोत्तर भारत में है।

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    भारतीय वन्यजीव संस्थान में आयोजित वार्षिक शोध संगोष्ठी में अखिल भारतीय हाथी जनसंख्या आकलन रिपोर्ट जारी। फाइल

    जागरण संवाददाता, देहरादून। देश में पहली बार हाथियों की गणना पारंपरिक अनुमान विधियों की जगह डीएनए आधारित विज्ञानी पद्धति से की गई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वर्ष 2025 में कराई इस अखिल भारतीय समन्वित हाथी गणना (डीएनए बेस्ड आल इंडिया सिंक्रोनाइज्ड एलीफेंट स्टीमेशन) से भारत में हाथियों की वास्तविक आबादी और वितरण का एक नया, विश्वसनीय आधार तैयार किया है।

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    वर्ष 2017 में हाथियों की संख्या 27,312 आंकी गई थी। अब पहली बार हुई डीएनए आधारित गणना में हाथियों की वास्तविक संख्या 22,446 आंकी गई है। कर्नाटक में सर्वाधिक छह हजार से अधिक हाथी पाए गए हैं।

    हाथी संख्या में असम दूसरे, तमिलनाडु तीसरे, जबकि केरल व उत्तराखंड क्रमशः चौथे व पांचवें स्थान पर हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) में मंगलवार को आयोजित वार्षिक शोध संगोष्ठी में पर्यावरण वन मंत्रालय के अपर महानिदेशक डा. ईराच भरूचा, इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस के महानिदेशक डा. एसपी यादव और डब्ल्यूआइआइ के निदेशक डा. जीएस भारद्वाज ने हाथी गणना के आंकड़े जारी किए।

    रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हाथियों की गिनती प्रत्यक्ष अवलोकन या मल के नमूनों की घनत्व विधियों से की जाती थी, जिनमें त्रुटि की आशंका रहती थी। इस बार विज्ञानियों ने डीएनए मार्क-रिकैप्चर तकनीक अपनाई। इसमें हाथियों के मल के नमूनों से डीएनए निकालकर प्रत्येक हाथी की जेनेटिक आइडी तैयार की गई। इससे न केवल दोहराव वाले गिनती के खतरे कम हुए, बल्कि प्रत्येक हाथी की अद्वितीय पहचान सुनिश्चित हुई। डीएनए आधारित गणना से हाथियों की सटीक संख्या व प्रवास पैटर्न का निर्धारण संभव हुआ है।

    हाथियों की राज्यवार स्थिति

    कर्नाटक 6,013, असम 4159, तमिलनाडु 3,136, केरल 2,785, उत्तराखंड 1,792, ओडिशा 912, मेघालय 677, बंगाल-उत्तर 676, अरुणाचल प्रदेश 617, छत्तीसगढ़ 451, उत्तर प्रदेश 257, नगालैंड 252, झारखंड 217, त्रिपुरा 153, आंध्र प्रदेश 120, मध्य प्रदेश 97, महाराष्ट्र 63, बंगाल-दक्षिण 31, मिजोरम 16, बिहार 13, मणिपुर 9


    क्षेत्रों के हिसाब में हाथी

    गणना में हाथियों के चार प्रमुख पारिस्थितिक क्षेत्रों का भी अध्ययन किया गया। इसमें स्पष्ट किया गया कि भारत में हाथियों की सर्वाधिक सघनता दक्षिणी और पूर्वोत्तर भारत में है।

    • पश्चिमी घाटः 11,934 हाथी
    • उत्तर-पूर्वी पहाड़ व ब्रह्मपुत्र समतलः 6,559 हाथी
    • शिवालिक व गंगा मैदानी क्षेत्र: 2,062 हाथी
    • मध्य भारत व पूर्वी घाट: 1,891 हाथी