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    आपदा के बाद डीएम को देखकर भावुक हुए गांव वाले, 2.5 घंटे व 12 KM दुर्गम पगडंडियों से गुजरकर फुलेत पहुंचे DM सविन बंसल

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 09:46 AM (IST)

    देहरादून के डीएम सविन बंसल आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचे और ग्रामीणों का हाल जाना। उन्होंने अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने और तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। प्रभावित गांवों में घर फसलें और बुनियादी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। डीएम ने राशन पहुंचाने और सड़कों को ठीक कराने का आश्वासन दिया साथ ही स्कूलों की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए भी कहा।

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    मालदेवता से ऊपर फुलेत गांव में दुर्गम पंगडंडियों को पार कर ग्रामीणों से जानकारी लेते जिलाधिकारी सविन बंसल। साभार- सूवि

    जागरण संवाददाता, देहरादून। आपदा के बाद बीते तीन दिन से मालदेवता से ऊपर संपर्क विहीन चल रहे फुलेत, छमरोली, सिमयारी, सिल्ला, क्यारी, सिरोना गांव में शुक्रवार को डीएम सविन बसंल ने पहुंचकर आपदा प्रभावित ग्रामीणों का हाल जाना। करीब ढाई घंटे तक 12 किलोमीटर पैदल दुर्गम पगडंडियों से गुजरकर डीएम वहां पहुंचे।

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    भावुक हो गए ग्रामीण

    आजादी के बाद से अब तक पहली बार किसी डीएम को अपने बीच पाकर ग्रामीण भावुक हो गये। इस दौरान आपदा प्रभावित के आग्रह पर डीएम ने उनके साथ भोजन किया और शीघ्र उनकी समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया। डीएम ने ग्रामीणों की क्षतिपूर्ति व आकलन के लिए अगले आदेश तक मौके पर तहसीलदार, ब्लाक प्रभारी, कृषि व उद्यान के एडीओ और लोनिवि के जेई को तैनात किया। ताकि ग्रामीणों को शीघ्र मुआवजे का लाभ मिल सके।

    तीन दिन से ग्रसित आपदा प्रभावित ग्रामीणों के जख्मों पर डीएम ने लगाया मरहम

    सोमवार-मंगलवार रात को आई आपदा से मालदेवता के ऊपर बसे फुलेत, छमरोली, सिमयारी, सिल्ला, क्यारी, सिरोना आदि गांव के ग्रामीणों को भारी क्षति पहुंंची। फुलेत में चार, सिमयारी में एक और छमरौली में दो घर क्षतिग्रस्त होकर मलबे के साथ बह गये। साथ ही गांवों में बिजली, पानी और सड़क आदि मूलभूत आवश्यकताओं के संकट आ पड़ा। ग्रामीणों के कारोबार ठप होने के साथ उनके घरों में रखा राशन व अन्य सामान सैलाब में मिलकर बर्बाद हो गया। सैकड़ों बीघे की लहलहाती फसल खराब हो गई। जिसका डीएम ने लेकर संज्ञान लेकर हेली सेवा का सहारा लिए बिना पैदल अपनी टीम के साथ गांवों की दौड़ लगा दी।

    मालदेवता से संपर्क विहीन फुलेत, छमरोली, सिमयारी, सिल्ला, क्यारी, सिरोना गांव पहुंचे

    डीएम ने लोनिवि के अधिकारियों को भवनों की क्षति के आकलन कर शुक्रवार को ही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। ब्लाक पड़े खाले और जर्जर पैदल मार्ग खोलने के लिए पीएमजीएसवाई को मौके पर धनराशि की स्वीकृति दी। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि इस घडी में पूरा प्रशासन हर पल प्रभावितों के साथ है। उन्होंने भूमि कटाव, फसल क्षति, भवन क्षति, पशु हानि आदि का आकलन करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को त्वरित रूप से रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया।

    वहीं, पीएमजीएसवाई को आपदा में मृतक व लापता मजदूरों की समुचित विवरण प्रस्तुत करने को कहा। आपदा में क्षतिग्रस्त पैदल रास्तों को दुरूस्त करने के लिए डीएम ने ब्लॉक के जेई की आपदा क्षेत्र में तैनात रहने की ड्यूटी लगाई।

    ग्रामीणों के राशन की समस्या पर डीएम ने आश्वस्त किया कि हैली या खच्चर, जैसे भी होगा गांव की सस्ता गल्ला दुकानों तक एक-दो दिन में राशन पहुंचाया जाएगा। निरीक्षण के दौरान सीडीओ अभिनव शाह, संयुक्त मजिस्ट्रेट हर्षिता, डीडीओ सुनील कुमार सहित आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

    स्कूलों को खोलने के लिए डीईओ को निर्देश

    प्राथमिक विद्यालय छिमरौली और राइका भगद्वारा खाल तक पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने, स्कूल में शौचालय, पेयजल, शिक्षकों व स्कूल की विभिन्न समस्याओं पर डीएम ने डीईओ और बीईओ को शनिवार को स्कूल का निरीक्षण कर आवश्यकताओं की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। गांव में क्षतिग्रस्त सिंचाई नहर, गूल व पेयजल लाइनों को ठीक करवाने के लिए लघु सिंचाई व पेयजल को त्वरित रूप से पुनरुद्धार कार्यों को करने की बात कही।

    वहीं, फुलेत और छमरौली गांव के निवासियों ने बताया कि पाल्या सेरा तोक में चार परिवार के घरों में दरारे पडी है। गांव मे नकदी फसल और खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है। सडक क्षतिग्रस्त होने से हल्दी, अदरक, मिर्च, मटर आदि नगदी फसलें मंडी तक नहीं जा पा रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

    बीमार वृद्धा को पैदल लेकर आई एसडीआरएफ

    फुलते निवासी 62 वर्षीय केवला देवी की तबीयत अचानक गंभीर होने पर शुक्रवार को एसडीआरएफ उपनिरीक्षक मनोज रावत के नेतृत्व में टीम उन्हें स्ट्रेचर पर चार किमी. पैदल दुर्गम मार्ग से उठाकर सुरक्षित रोड हेड तक लाई। जहां से उन्हें एंबुलेंस द्वारा अस्पताल भेजा गया। वहीं, फुलेत गांव में लापता तीन मजदूरों की तलाश बीते तीन दिन से सर्च अभियान चला रही एसडीआरएफ वापस लौट गई। फुलेत से लापता तीन मजदूरों का अब तक पता नहीं चला है।