असहाय और बुजुर्गों के लिए वरदान बनी डीएम की ''हेल्प डेस्क'', अब तक 70 मुकदमे दर्ज
एक जिलाधिकारी द्वारा स्थापित 'हेल्प डेस्क' असहाय और बुजुर्ग नागरिकों के लिए मददगार साबित हो रही है। इस डेस्क के माध्यम से अब तक 70 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिससे जरूरतमंदों को न्याय मिला है। यह डेस्क संपत्ति विवाद और पारिवारिक झगड़ों जैसे मामलों में कानूनी सहायता प्रदान करती है, जिससे बुजुर्गों को सहारा मिल रहा है। डीएम की इस पहल की सराहना हो रही है।

शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने हेल्प डेस्क बनाने का निर्णय लिया था। File Photo
अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। थाने-चौकी के चक्कर काटने के बाद भी मुकदमा दर्ज न होने के बाद दर-दर भटक रहे असहाय, वंचित, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए कलेक्ट्रेट में शुरू हुई स्पेशल हेल्प डेस्क वरदान साबित हो रही है। जनता दरबार के दौरान मुकदमा दर्ज न होने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने हेल्प डेस्क बनाने का निर्णय लिया था। अगस्त में शुरू हुई इस हेल्प डेस्क के माध्यम से दो माह में ही 70 शिकायतों पर आलनाइन एफआआइआर (ई-एफआइआर) विभिन्न थानों में दर्ज कराई गई।
जिला-प्रशासन का दावा है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-173 के अंतर्गत वंचित वर्ग, असहाय, बुजुर्ग एवं महिलाओं के अधिकारों व हितों के संरक्षण के लिए ''''स्पेशल हेल्प डेस्क'''' स्थापित करने देहरादून पूरे प्रदेश में पहला जिला है। जिला-प्रशासन के अनुसार धारा-173 का मुख्य उद्देश्य अपराधों के संबंध में जानकारी दर्ज करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना है, जिसमें ई-एफआइआर की सुविधा, संवेदनशील पीड़ितों की सुरक्षा, वीडियोग्राफी, और सूचना की प्रति निश्शुल्क प्रदान करना शामिल है। इस धारा के अंगर्तत किसी भी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है।
आसान व न्यायसंगत प्रक्रिया के उद्देश्य से सूचना दर्ज कराने की प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए दून में आमजन के लिए अगस्त से आनलाइन डेस्क के माध्यम से मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। अब तक 77 शिकायतें हेल्प डेस्क को मिली हैं, जिनमें 70 प्रकरण में प्राथमिकी आनलाइन माध्यम से दर्ज कराई जा चुकी है। जिला प्रशासन के इस कदम में थाना-चौकियों का एकलाधिकार खत्म हुआ है, जिसमें जनता को इधर से उधर भटकाया जाता है।
लव कुमार का दर्ज हुआ पहला मुकदमा
कलेक्ट्रेट की स्पेशल हेल्प डेस्क के माध्यम से पहला मुकदमा कैंट कोतवाली में विलासपुर निवासी लव कुमार तमांग की शिकायत पर चार अगस्त को दर्ज हुआ।
इसके बाद पांच अगस्त को एक, 11 अगस्त को तीन, 12 व 14 अगस्त को दो-दो, 18 अगस्त को एक, 19 अगस्त को दो, 20 अगस्त को एक, 22 व 23 अगस्त को दो-दो मुकदमे, 25 अगस्त को चार, 26 अगस्त को पांच, 27 अगस्त को चार, 29 व 30 अगस्त को दो-दो, एक सितंबर को दो, तीन, चार व आठ सितंबर को एक-एक, नौ सितंबर को दो, 10, 12 व 13 सितंबर को एक-एक, जबकि 16 सितंबर को चार मुकदमे दर्ज हुए।
इसी तरह 18 सितंबर को दो, 19 सितंबर को तीन, 20 सितंबर को एक, 22 सितंबर को पांच, 23 सितंबर को तीन, 24 सितंबर को एक, 25 सितंबर को तीन, 26 सितंबर को एक, 27 सितंबर को दो, 30 सितंबर को एक, तीन व छह अक्टूबर को एक-एक मुकदमा विभिन्न थानों में दर्ज हुआ।
हर दिन कलेक्ट्रेट में आ रही 50 शिकायतें
कलेक्ट्रेट में रोजाना 50 से अधिक शिकायतें जिलाधिकारी के पास आ रही। यही नहीं, जनता दर्शन में शिकायतों का आंकड़ा सवा सौ तक पहुंच जा रहा। शिकायत लेकर आने वालों में बुजुर्गों की संख्या सर्वाधिक है। बुजुर्गों से जुड़े भरणपोषण के मामलों में फास्ट्रेक सुनवाई की जा रही। शिक्षा, उपचार, रोजगार से जुड़ी या मुकदमा दर्ज न होने जैसी शिकायतें भी लगातार आ रहीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनमानस को त्वरित न्याय दिलाने के दृष्टिकोण एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रत्येक व्यक्ति के न्याय दिलाने के संकल्प को सार्थक करने का प्रयास जिला-प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। जिससे सरकार एवं शासन-प्रशासन की जनमानस के प्रति जिम्मेदारियों एवं कर्तव्यों का अच्छा संदेश जनता के बीच जा रहा है। स्पेशल हेल्प डेस्क से जनता को सीधा लाभ भी मिल रहा है।
- सविन बंसल, जिलाधिकारी देहरादून
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