इस बार गोबर के दीये से रंगीन होगी दीपावली, अरसा, रोट, चौलाई और मंडूए के लड्डू हैं खास
इस दीपावली गोबर के दीयों से त्योहार को रंगीन बनाने की तैयारी है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने से त्योहार का स्वाद बढ़ेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। गोबर के दीये पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और इनसे त्योहार में पवित्रता का अनुभव होता है। इस बार दीपावली में गोबर के दीयों का उपयोग करके त्योहार को एक नया रंग दिया जा रहा है।

सुमित थपलियाल, जागरण देहरादून। दीपावली को लेकर जहां हर घर मोहल्ले में उत्साह है वहीं बाजार भी पूरी तरह से गुलजार हो चुके हैं। इस बार दीपावली को लेकर महिला स्वयं सहायता समूह भी तैयारियों में जुट गए हैं। कई महिलाएं गाय के गोबर से दीये और मूर्तियां बना रही हैं तो कई जगह अरसा, रोट, ड्राईफ्रूट के लड्डू, पापड़, दाल की पकोड़ी और अन्य मिठाई तैयार की जा रही हैं। इससे ना सिर्फ स्थानीय स्तर पर बाजार मजबूत हो रहा है बल्कि समूह से जुड़ी महिलाएं भी आर्थिक तौर पर सशक्त की मिसाल पेश कर रही हैं।
अरसा, रोट, चौलाई और मंडूए के लड्डू हैं खास
पहाड़ी उत्पादों को देहरादून में बाजार उपलब्ध करवाने के लिए सरस्वती जागृति संस्था की संचालिका पूजा तोमर अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने दीपावली पर विशेष तैयारी की है। इस संस्था में 50 महिलाएं जुड़ी हुई हैं जो इन दिनों गोबर के दीये, रुई की बत्ती बना रही हैं। इसके अलावा आर्डर पर अरसा, रोट, मंडूए के लड्डू और बर्फी, मूंग दाल के लड्डू, उड़द की दाल और गहथ की पकोड़ी, बिस्किट व नमकीन तैयार किए जा हरे हैं। पूजा बताती हैं कि वर्ष 2008 में उन्होंने समूह बनाया था। सहस्रधारा रोड आइटी पार्क से पहले उनका स्टोर है। यहां बनाने और पैकेजिंग करने से साथ ही डिलीवरी का कार्य चलता है। अपने उत्पादों के प्रचार प्रसार के लिए इंस्टाग्राम पर पहाड़ी हाट से पेज बनाया है। इससे भी उन्हें कई बार आर्डर मिल जाते हैं। संस्था का ढाई करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर है। हाल ही में उन्होंने सरस्वती आजीविका कैंटीन आईटी पार्क चल रही है।
डेकोरशन सामान, अचार, दीये हैं खास
जागृति आजीविका स्वयं सहायता समूह के ऋषिकेश शिवाजी नगर स्थित सेंटर में दीपावली को लेकर महिलाएं विभिन्न उत्पाद तैयार कर रही हैं। भीमल के उत्पाद, डेकोरशन सामान, अचार, दीये खास हैं। समूह की अध्यक्ष मोनिका मित्तल ने बताया कि विभिन्न विभागों ने इन्हें आर्डर दिए हैं, जिन्हें बनाने का काम इन दिनों चल रहा है।
ऐपण वाली पूजा की थाली के साथ बना रहे रंगीन दीये
लोककला ऐपण वाली पूजा की थाली दीपावली पर खास बनाई गई है। इसके अलावा ऐपण तोरण द्वार, हैंगिग भी इसमें शामिल हैं। ऐपण आर्ट की ज्योति जोशी दीपावली पर ऐपण वाली थाली के अलावा, लोटा, गिलास, पेन पाट, कार हेंगर, आदि सजावटी चीजों पर ऐपण कला दिखाया गया है। विरासत महोत्सव में लगे उनके स्टाल पर लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं।
दीपावली वाले जूट के विशेष बैग
विकासनगर के ग्राम फतेहपुर में दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाएं दीपावली पर विशेष जूट के बैग तैयार कर रही हैं। समूह की अध्यक्ष श्यामा चौहान ने बताया कि रंग विरंगे बने इन बैग को विभिन्न विभागों के अलावा जगह जगह लगने वाले मेले में भी काफी मांग है। इसके अलावा हिमवंत फाउंडेशन सोसायटी की ओर से दीपावली लिखे बैग तैयार किए जा रहे हैं। अध्यक्ष संगीता थपलियाल ने बताया कि इससे महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ ही आर्थिक रूप से भी मजबूती मिल रही है। लोग गिफ्ट पैक व अन्य सामान इन बैग में देना पसंद कर रहे हैं।
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