उत्तराखंड का पहला आधुनिक दिव्यांग पुनर्वास केंद्र शुरू, प्रमाण पत्र-इलाज व उपकरण सब एक छत के नीचे
देहरादून में डीएम सविन बंसल की पहल पर गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में राज्य का पहला जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र शुरू हुआ। यहाँ दिव्यांगों को प्रमाण पत्र कृत्रिम अंग मनोवैज्ञानिक परामर्श और रोजगार प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ एक ही छत के नीचे मिलेंगी। महापौर ने इसे सशक्त समाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। जल्द ही स्टेट रेफरल सेंटर भी शुरू होगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून के गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में राज्य का पहला जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) बुधवार को विधिवत रूप से शुरू हो गया।
इस केंद्र के माध्यम से दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र से लेकर कृत्रिम अंग, मनोवैज्ञानिक परामर्श, आधार पंजीकरण, रोजगार प्रशिक्षण, फिजियोथेरेपी और उपकरण वितरण जैसी तमाम सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी।
मुख्य अतिथि महापौर सौरभ थपलियाल ने कहा कि यह केंद्र सशक्त समाज निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यहां दिव्यांगजन एक ही स्थान पर सभी सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनका जीवन आसान और समृद्ध बनेगा। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग अनिल कुमार ढौंडियाल और नीरज बिष्ट को कान की मशीन भी प्रदान की।
वहीं विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में दिव्यांगजनों की कला प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग छात्रों को पुरस्कार प्रदान कर प्रोत्साहित किया।कार्यक्रम अध्यक्ष राजपुर रोड विधायक खजानदास ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को दिव्यांग नाम देकर समाज में गरिमा दी है। जिला प्रशासन द्वारा यह केंद्र स्थापित कर उस सोच को जमीन पर उतारा गया है। उन्होंने खाली पड़े अस्पताल भवन का सदुपयोग करने की भी सराहना की।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि समाज की लगभग 20 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में दिव्यांगता से प्रभावित है। इसलिए यह केंद्र दिव्यांगजनों को सभी सुविधाएं एकीकृत रूप से देने में महत्वपूर्ण साबित होगा। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि पुनर्वास केंद्र को और बेहतर बनाने के लिए जो भी सुझाव आएंगे, उन पर अमल किया जाएगा।
इस दौरानम स्थानीय पार्षद सुनीता मजखोला, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज कुमार शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर ढौंडियाल, जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. मनु जैन, डा. अनिल आर्य, डा. प्रवीण पंवार, डा. उदयन कुमार, डा. शशि वासन, अनंत मेहरा आदि भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
जल्द शुरू होगा स्टेट रेफरल सेंटर
गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में जल्द ही स्टेट रेफरल सेंटर की भी शुरुआत होने जा रही है। इसके लिए बजट स्वीकृत हो चुका है। जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. मनु जैन के अनुसार इसका निर्माण शीघ्र शुरू किया जाएगा। यह सेंटर तीन प्रमुख घटकों. मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन, ईएनटी विभाग और फिजियोथेरेपी यूनिट के साथ संचालित होगा। इसके शुरू होने से दिव्यांगजनों को और अधिक सुविधा मिलेगी। साथ ही जिलाधिकारी की पहल पर यहां एक आधुनिक एक्सरे मशीन भी स्थापित की जा रही है।
डीडीआरसी केंद्र में सुविधा
- दिव्यांग प्रमाण पत्र
- यूडीआइडी कार्ड और आधार कार्ड अपडेट
- फिजियोथेरेपी और आक्युपेशनल थेरेपी
- मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक परामर्श
- कृत्रिम अंग और श्रवण यंत्र
- कौशल विकास एवं रोजगार प्रशिक्षण
- विशेष शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण
विशेष पहल
इस दौरान डीडीआरसी का हेल्पलाइन नंबर 8077386815 जारी किया गया। दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए केंद्र तक आने-जाने के लिए विशेष डेडिकेटेड वाहन भी यहां तैनात रहेगा।
संचालन व्यवस्था
इस केंद्र का संचालन समाज कल्याण विभाग की निगरानी में नोडल एजेंसी डीडीआरसी देहरादून मुनीशाभा सेवा सदन एवं पुनर्वास संस्थान द्वारा किया जाएगा। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार केंद्र का संचालन स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है। संचालन हेतु 14 स्वीकृत पद हैं, जिनका वेतन समाज कल्याण विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
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