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सीएयू सचिव महिम वर्मा के समर्थन में उतरे जिला क्रिकेट संघ, जानिए क्या है उनका कहना

सीनियर पुरुष टीम के कोच पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर की ओर से क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के सचिव महिम वर्मा पर लगाए गए आरोपों को प्रदेश के अधिकांश जिला क्रिकेट संघों ने बेबुनियाद करार देते हुए इसपर आपत्ति जताई है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 09:46 AM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 09:46 AM (IST)
सीएयू सचिव महिम वर्मा के समर्थन में उतरे जिला क्रिकेट संघ।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सीनियर पुरुष टीम के कोच पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर की ओर से क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के सचिव महिम वर्मा पर लगाए गए आरोपों को प्रदेश के अधिकांश जिला क्रिकेट संघों ने बेबुनियाद करार देते हुए इसपर आपत्ति जताई है। संघों के पदाधिकारियों का कहना है कि वसीम जाफर का इस्तीफा देना जल्दबाजी भरा फैसला था। उन्हें कोई परेशानी थी तो बात करते। वह इस मामले में सीएयू सचिव के साथ खड़े हैं। वह प्रदेश में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। 

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बता दें कि बीती नौ फरवरी को वसीम जाफर ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे की मेल में जाफर ने सीएयू सचिव महिम वर्मा पर टीम चयन में हस्तक्षेप करने समेत कई आरोप लगाए थे। इसके अलावा जाफर ने चयनकर्ता समिति के चेयरमैन रिजवान पर भी कई आरोप लगाए थे और मनमुताबिक टीम नहीं मिलने की बात कही थी। 

ऊधमसिंह नगर डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन के सचिव नूर आलम का कहना है कि महिम वर्मा पर वसीम जाफर के लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। महिम का उत्तराखंड क्रिकेट के लिए जो विजन है, वह सराहनीय है। उन्होंने प्रदेश में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए क्लब क्रिकेट का प्लान बनाया है। इससे स्कूल और ब्लॉक स्तर के खिलाड़ी उभरकर आएंगे। आने वाले समय में यह योजना प्रदेश के लिए बहुत लाभदायी साबित होगी।  

चमोली पर्वतीय क्रिकेट एसोसिशन के सचिव नरेंद्र शाह ने कहा, वसीम जाफर ने जल्दबाजी में निर्णय लिया है। वह इतने बड़े खिलाड़ी रहे हैं। उन्हें इस तरीके से अपने सफर को खत्म नहीं करना चाहिए था। महिम वर्मा प्रदेश में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे हैं। उनकी निष्ठा पर सवाल उठाना गलत है। वह तो सभी जिला संघों की बात सुनते हैं। 

पिथौरागढ़ क्रिकेट संघ के सचिव उमेश जोशी कहते हैं कि वसीम जाफर को बतौर मुख्य कोच लाने वाले महिम वर्मा ही थे। कोच का काम टीम का चयन करना नहीं है, बल्कि चयनित टीम को आगे लेकर जाना है। महिम वर्मा ने इतने कम समय में पहाड़ तक खेल संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। जिला संघों की समस्याओं को महिम न सिर्फ सुनते हैं, बल्कि उनपर त्वरित कार्रवाई भी करते हैं। ऐसे में महिम पर इस तरह के आरोप लगाना सही नहीं है। 

महिम वर्मा ने इतने कम सयम में सभी आयु वर्गों की टीम को मजबूती से तैयार कराया है। प्रदेश में महिलाओं के लिए वहीं, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ अल्मोड़ा के सचिव हर्ष गोयल का कहना है कि क्रिकेट प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं होती थीं, लेकिन महिम वर्मा ने महिलाओं की भी सभी वर्गों की टीम तैयार कर दी। पहली बार प्रदेश में वूमेन चैलेंजर कप का आयोजन किया गया। महिम के प्रयास से ही कोरोनाकाल में बायो बबल में खिलाड़ियों के लिए कैंप लगाए गए। अन्य किसी भी प्रदेश संघ ने ऐसा नहीं किया।

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