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उत्‍तराखंड के जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर होने जा रही भर्ती निरस्त

सहकारिता विभाग की ओर से प्रदेशभर के जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर होने जा रही भर्ती निरस्त कर दी गई है। प्रदेश के 10 डीसीबी में करीब 400 पदों पर यह भर्ती होने जा रही थी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 09:11 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 09:11 AM (IST)
उत्‍तराखंड के जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर होने जा रही भर्ती निरस्त
जिला सहकारी बैंक में चल रही वर्ग 4 की भर्ती प्रक्रिया पर शासन ने रोक लगा दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: सहकारिता विभाग की ओर से प्रदेशभर के जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर होने जा रही भर्ती निरस्त कर दी गई है। प्रदेश के 10 डीसीबी में करीब 400 पदों पर यह भर्ती होने जा रही थी। कई जिलों में तो भर्ती प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम जारी हो चुका था। वहीं कई जिलों में भर्ती प्रक्रिया के लिए फार्म भर चुके थे और कुछ में परीक्षा अंतिम चरण में चल रही थी, जिसके तहत शारीरिक परीक्षा ली जा रही थी।

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निबंधक सहकारिता बीएम ने बताया कि अपरिहार्य कारणों से यह परीक्षा रद की जा रही है। हालांकि, इस फैसले को हरिद्वार, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर के शिकायती पत्र से जोड़कर देखा जा रहा है। विधायक ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी होने की आशंका जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। विधायक का आरोप है कि जिला सहकारी बैंक, हरिद्वार के अध्यक्ष अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें भर्ती कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से हरिद्वार की भर्ती परीक्षा निरस्त करने की मांग की थी, लेकिन निबंधक सहकारिता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रदेश में ही भर्ती निरस्त कर दी है।

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लंबित भत्ते जारी करने की मांग

जल संस्थान पेंशनर वेलफेयर सोसायटी की ओर से पेंशनर्स के वर्षों से लंबित अवशेषों का भुगतान न होने, स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु गोल्डन कार्ड न बनवाये जाने आदि मांगों को लेकर नेहरू कॉलोनी स्थित जल संस्थान के दफ्तर में उपवास कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि कई आश्वासनों के बाद भी मांगे पूरी नहीं होना चिंतनीय है। एसोसिएशन ने जल संस्थान में नए युवाओं को मौका देने के बजाय विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ही पुनर्नियुक्ति दिए जाने पर भी रोष जताया। उन्होंने इस व्यवस्था को खत्म कर नए युवाओं को रोजगार देने की मांग संस्थान और सरकार से की है। इस अवसर पर महासचिव मदन लाल जोशी, चंद्रपाल वर्मा, जगदीश प्रसाद तिवाड़ी, राकेश चावला, घनश्याम गुरूंग, बलराज यादव, मदन मोहन पाल, विजेंद्र तिवाड़ी, सुरेश चंद्र वर्मा, गोविंद्र नारायण शर्मा आदि रहे।

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